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मोनसैंटो पर 2 अरब डॉलर का जुर्माना

१४ मई २०१९

कृषि कारोबार की बड़ी कंपनी मोनसेैंटो पर अमेरिका की एक ज्यूरी ने 2 अरब डॉलर से ज्यादा का जुर्माना लगाया है. यह पैसे एक दंपति को दिए जाएंगे जिसने कंपनी की मशहूर दवा की वजह से कैंसर होने का आरोप लगाया है.

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Symbolbild: Monsanto RoundUp
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Edelson

ऑकलैंड की स्टेट कोर्ट ज्यूरी ने फैसला दिया है कि मोनसैंटो की दवा की वजह से अल्वा पिलियोड और अल्बर्टा पिलियोड को कैंसर हुआ. ज्यूरी के सदस्यों ने दोनों को एक एक अरब डॉलर दंड स्वरूप देने और 5.5 करोड़ डॉलर संयुक्त रूप से हर्जाने के तौर पर देने का आदेश दिया है.

76 साल की अल्बर्टा पिलियोड ने फैसला सुनाए जाने के बाद कहा कि वो और उनके पति अलवा पिछले 9 साल से कैंसर से जूझ रहे हैं. कैंसर होने से पहले जिन कामों में वो सक्रिय रहते थे वो सब बंद हो गए हैं. अल्बर्टा ने कहा, "इसने हमारी दुनिया हमेशा के लिए बदल दी."

पिलियोड के एक वकील माइकल मिलर ने कहा कि हर्जाने की रकम अपील पर 2 अरब डॉलर से कम की जा सकती है लेकिन वे लोग एक लंबी कानूनी लड़ाई के लिए तैयार हैं.

जिस दवा के लिए मोनसैंटो पर जुर्माना लगाया गया है उसका नाम है राउंडअप रेडी. यह खेतों में खर पतवार का नाश करने के लिए डाला जाता है. सैन फ्रांसिस्को की एक संघीय ज्यूरी ने इस दवा बनाने वाली कंपनी पर मार्च में 8 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था. इसी तरह अगस्त में एक गोल्फ कोर्स के कीपर ने अपने कैंसर के लिए इसी दवा को जिम्मेदार माना था और अदालत ने 28.9 करोड़ डॉलर का जुर्माना देने का आदेश दिया. बाद में एक जज ने इस रकम को घटा कर 20 करोड़ डॉलर कर दिया.

Deutschland l Bayer Hauptversammlung in Bonn - CEO Werner Baumann
बायर के सीईओ वेर्नर बाउमानतस्वीर: picture alliance/AP Photo/M. Meissner

मोनसैंटो के खिलाफ इन तीन मामलों की सुनवाई तो हो गई लेकिन इसी तरह के 13000 मामले पूरे देश में लंबित हैं जिनमें कभी भी सुनवाई शुरू हो सकती है. सेंट लुई की कंपनी मोनसैंटो की मिल्कियत रसायन बनाने वाली जर्मन कंपनी बायर ए जी के पास है. बायर ने सोमवार को कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी. कंपनी का कहना है, "इस मामले में आए फैसले का भविष्य के मामलों पर असर नहीं होगा क्योंकि हर मामले की वास्तविकता और कानूनी स्थिति अलग है."

कंपनी ने ध्यान दिलाया है कि कैलिफोर्निया के किसी भी फैसले पर अपील कोर्ट ने विचार नहीं किया है और इनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी (ईपीए) का मानना है कि यह दवा सुरक्षित है.

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बायर के सम्मेलन के दौरान विरोध प्रदर्शनतस्वीर: Reuters/T. Schmuelgen

अप्रैल में ईपीए ने एक बार फिर इसे सुरक्षित बताया. ईपीए का कहना है कि दवा में मौजूद ग्लाइफोसेट के संपर्क में आने वाले लोगों को "कोई खतरा नहीं है." ईपीए के मुताबिक यह चाहे खेतों में हो, सड़क किनारे मौजूद अहातों में हो या फिर फसल काटने के बाद खेतों में बचे खर पतवार में हो.

कानूनी लड़ाइयों ने बायर के शेयरों को काफी नुकसान पहुंचाया है. बायर कंपनी के शेयरों ने अपनी आधी कीमत गंवा दी है. पिछले साल बायर ने 63 अरब डॉलर में मोनसैंटो को खरीदा इसके बाद से ही बायर के शीर्ष मैनेजर शेयरधारकों की नाखुशी से जूझ रहे हैं. कंपनी के चेयरमैन वेर्नर वेनिंग ने पिछले महीने जर्मन शहर बॉन में शेयरधारकों की सालाना बैठक में कहा कि कंपनी के लीडरों को शेयरों की कीमतें घटने का "बहुत दुख है." उसी दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेर्नर बाउमान ने जोर दे कर कहा कि "मोनसैंटो का अधिग्रहण बायर के लिए सही कदम था."

एनआर/एए (एपी)

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