मैड्रिड ने लगाया डीजल कारों पर ब्रेक
१७ मई २०१७स्पेन की राजधानी मैड्रिड में छह लेन चौड़ी सड़क होने के बावजूद शाम को तगड़ा जाम लगा रहता है. कारें चलने के बजाए सरक रही होती हैं. कारों से निकलते हुए धुएं की वजह से शहर की कुछ भव्य इमारतें काली पड़ चुकी हैं. लोगों का क्या हाल होता है, ये 48 साल की मारिया विलालेगा बताती हैं, "प्रदूषण के चलते मेरी आंखों में जलन होती है और मैं इसका असर गले में भी महसूस करती हूं. मेरे पास कार नहीं है और अगर कारों को सड़क पर चलने की इजाजत न दी जाए तो मुझे खुशी होगी. हमें पृथ्वी को बचाना है और अपने आपको भी."
हांफते शहर को बचाने के लिए अब ठोस योजना बनी है. तीन साल के भीतर शहर के मशहूर ग्रान विया इलाके में सिर्फ सार्वजनिक बसें, टैक्सी, साइकिलें और पदयात्री ही चलेंगे. मैड्रिड की मेयर मानुएला कारमेना ने कई और फैसले किये हैं, इनके तहत 2025 तक पूरे शहर में डीजल कारों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
यूरोपीय संघ के बाकी देशों की तरह स्पेन में भी करीब 50 फीसदी कारें डीजल से चलती हैं. वहीं उत्तरी अमेरिका में सिर्फ 3 फीसदी कारों में डीजल इंजन लगा है. 1990 के दशक में यूरोप की सरकारों ने डीजल इंजन पर टैक्स कम किया. डीजल को पेट्रोल से ज्यादा किफायती माना गया. ऑटो उद्योग के समीक्षक माइक रोजेनबर्ग कहते हैं, "डीजल कारें एक लीटर तेल में ज्यादा दूर जाती हैं, वे कार्बन भी कम पैदा करती हैं. यूरोपीय सरकारों ने तय किया कि डीजल टेक्नोलॉजी के जरिये ही यूरोप कार्बन डायऑक्साइड के लक्ष्य को हासिल कर सकेगा." 1990 के दशक में जर्मन कार उद्योग की लॉबी ने डीजल इंजन की पैरवी के लिए खूब जोर लगाया. ऐसा कहा गया कि यह सबके लिए जीत जैसी स्थिति है. ग्राहकों को बेहतर माइलेज मिलेगा और पर्यावरण को कम कार्बन डायऑक्साइड.
डीजल कारें पर्यावरण में भले ही कम कार्बन डायऑक्साइड छोड़ें, लेकिन वे दूसरे किस्म की घातक गैस कहीं ज्यादा छोड़ती हैं. यह गैस है नाइट्रोजन ऑक्साइड और सूट यानि सूक्ष्म जहरीले काले कण. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल दुनिया भर में 30 लाख लोग वायु प्रदूषण के चलते मारे जा रहे हैं.
ऐसे में एक बार फिर डीजल इंजन बहस के केंद्र में आ गया है. जर्मन कार कंपनी फोल्क्सवागेन के डीजल कांड के बाद डीजल को लेकर यूरोप 180 डिग्री का यूटर्न ले सकता है. पेरिस, एथेंस और मेक्सिको सिटी जैसे शहर भी 2025 तक डीजल कारों और ट्रकों को बैन करना चाहते हैं. बीते कुछ महीनों में मैड्रिड में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों की सेल 90 फीसदी बढ़ चुकी है.
(क्या संभव है पेट्रोल और डीजल के बिना जीना)
लॉरेन फ्रायर/ओएसजे