मैं राजनीति का शिकार हुआ: शेन बॉन्ड
२७ अक्टूबर २०१०शेन बॉन्ड जब अपने करियर के चरम पर थे तब उन्होंने भारत की विद्रोही लीग आईसीएल में शामिल होने का फैसला किया. उसके बाद न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया. हालांकि शेन बॉन्ड को आईसीएल में खेलने का अफसोस नहीं है. लेकिन वह खुद को बीसीसीआई की राजनीति का शिकार महसूस करते हैं.
दरअसल, आईसीएल को बीसीसीआई और आईसीसी ने मान्यता नहीं दी और उसमें खेलने वाले भारतीय खिलाड़ियों को भी काफी मुश्किलें आईं.
इतना ही नहीं आईसीएल में खेलने वाले विदेशी खिलाड़ियों को भी काफी परेशानी हुई. शेन बॉन्ड इसी परेशानी की बात कर रहे हैं. अपनी आत्मकथा लुकिंग बैक में उन्होंने दावा किया है कि न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से उन्हें आईसीएल में खेलने की इजाजत दी थी लेकिन आईसीसी के दखल के बाद उन्होंने कदम पीछे खींच लिए.
बॉन्ड ने अपनी किताब में लिखा है, "एक बात मैं कभी नहीं समझ पाऊंगा कि इस तरफ या उस तरफ की स्थिति क्यों बनी. आईसीएल में खेलो या न्यूजीलैंड के लिए. मुझे तो साफ साफ तसल्ली दिलाई गई थी कि मैं दोनों में खेल सकता हूं. न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने कॉन्ट्रैक्ट ने मुझे इसकी इजाजत दी थी."
बॉन्ड लिखते हैं, "कितना भी खराब क्यों न लगे, मैंने इसके साथ जीना सीख लिया है. लेकिन एक बात जिसे मैं हजम नहीं कर पा रहा हूं वह ऐसी मान्यता है कि मैं अपने देश के लिए नहीं खेलना चाहता था."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार