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मेघालय के हिटलर, फ्रांकनश्टाइन

१९ फ़रवरी २०१३

अडोल्फ लू हिटलर, बोम्बर सिंह, होपफुल बामोन और बोल्डनेस बिलीकिड में से कुछ मेघालय में आम जनता के प्रतिनिधि बनेंगे. भारतीय नेता और इतने विदेशी नाम?

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तस्वीर: Getty Images

"हमारा नेता कैसा हो, बोम्बर सिंह जैसा हो." मेघालय में नेताओं के चेले कुछ इसी तरह के नारे लगा रहे होंगे. बोम्बर सिंह के अलावा मेघालय में विधान सभा चुनावों में बोल्डनेस बिलीकिड, प्रिडीसेसर (अंग्रेजी में पूर्वज), प्रोसेस (विधि) और होपफुल (उम्मीद से भरपूर) जैसे नाम हैं. सबसे हैरान करने वाली बात है कि यह नाम अंग्रेजी में आम शब्द हैं, इन्हें नाम के तौर पर इस्तेमाल करना अपना मजाक बनवाने का पक्का फॉर्मूला है. मेघालय की राजधानी में इस हफ्ते चुनाव होने वाले लें. मतदाताओं को लेकिन कुछ ऐसे उम्मीदवारों में से अपना प्रतिनिधि चुनना होगा जिनके नाम काफी अजीब हैं.

तो होपिंगस्टोन लिंगडो, हिलेरियस (यानी हंसाने वाली बात) पोचेन , होपफुल बामोन बोम्बर सिंह और अडोल्फ हिटलर मेघालय में 60 सीटों वाली विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन इनके ऐसे नामों के पीछे क्या राज है.

यह अंग्रेजी शासन की देन है. 1947 में आजादी से पहले मेघालय की राजधानी शिलोंग पहाड़ों और मौसम की वजह से अंग्रेजों को काफी पसंद थी. शिलोंग को स्कॉटलैंड ऑफ द ईस्ट कहा जाने लगा. इतिहासकारों का कहना है कि हो सकता है इस वजह से स्थानीय लोगों ने अपने बच्चों के नामों के लिए अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल किया. आईआईएम शिलोंग में इतिहास के प्रोफेसर संजय काकोटी कहते हैं, "कई बार लोगों को नामों के बारे में पता नहीं होता और मॉडर्न समझकर वे अपने बच्चों को ऐसे नाम देते हैं."

Eine Familie in Meghalaya in vollem Ornat anlässlich des jährlichen Tigerfestivals
तस्वीर: DW

मिसाल के तौर पर अडोल्फ लू हिटलर माराक. उनका कहना है कि उनके माता पिता को हिटलर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मूंछों के अलावा माराक हिटलर जैसे तानाशाह भी नहीं हैं. भारत में पहले भी हिटलर का नाम इस्तेमाल करने के लिए दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा है. अपनी गलती जानने पर वह अपना नाम बदल देते हैं.

लेकिन नाम में क्या रखा है. क्लास वन नाम के एक व्यापारी कहते हैं कि लोग अपने बच्चों को अजीब नाम देते हैं, लेकिन अगर सब अपना काम ठीक ठाक करें तो परेशानी क्या है.

रिपोर्टः एमजी/एएम ( एएफपी)

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