अपराध के खिलाफ कला की मदद
१७ अगस्त २०१५मेक्सिको सिटी से 100 किलोमीटर दूर स्थित पाल्मितास में स्ट्रीट आर्टिस्टों ने स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर पहाड़ी में बने घरों की दीवारों को रंग दिया है और इस गरीब इलाके को आकर्षण का केंद्र बना दिया है. पाल्मितास के घर अब दूर से देखने पर इंद्रधनुषी रंग की लहरों जैसे दिखते हैं. पांच महीनों में 20,000 वर्गमीटर दीवारों और घरों की बाहरी दीवार को नया रंग मिला. इनमें 452 परिवारों के 202 घर थे. मेक्सिको की इस बड़ी चित्रकारी को बनाने के लिए 20 स्थानीय लोगों को नौकरी मिली. सरकार ने इस सामाजिक परियोजना के लिए करीब पौने तीन लाख यूरो दिए.
और सचमुच, इस परियोजना ने सिर्फ उस मोहल्ले को सुंदर ही नहीं बनाया, बल्कि वहां अपराध के मामले भी कम हो गए. नगरपालिका प्रतिनिधि आना एस्तेफानिया गार्सिया कहती हैं, "तीन साल पहले परियोजना शुरू होने के बाद से अपराध के मामले 35 प्रतिशत कम हो गए हैं." एक दूसरे से लड़ने वाले गिरोहों के सदस्य इस परियोजना में साथ काम कर रहे थे और इस प्रक्रिया में उन्होंने एक दूसरे को जाना. हालांकि ये गिरोह अभी भी हैं, लेकिन अब वे आपस में लड़ने के बदले साथ खाते-पीते हैं, पेंटिंग करते हैं और मिलजुलकर रहते हैं.
शुरुआत आसान नहीं था. सिटी प्लानर गार्सिया बताती है, "हमें निवासियों को समझाना पड़ा कि वे हमें उनके घरों को रंगने दें." सबसे पहले सब कुछ सफेद रंगा गया, नए की शुरुआत का प्रतीक. साथ साथ नगर प्रशासन ने सड़कों और गलियों को साफ कर दिया, पुरानी गाड़ियां उठवाईं, नए लैंपपोस्ट और आठ सीसीटीवी कैमरा लगाए. उसके बाद दीवारों पर बनने वाला चित्र बनाया गया और फिर उसे दीवार पर कॉपी किया गया. यह मेक्सिको के प्रसिद्ध चित्रकार डिएगो रिवेरा की विश्व भर में प्रसिद्ध हुई तकनीक है. उनकी 1957 में मौत हो गई थी.
ग्रैफिटी कलाकार रोबैर्तो रोबल्स खाइमेस को इस परियोजना के सामाजिक फायदे पर भरोसा है, "एक बच्चे ने मुझसे कहा कि जब से उसका घर रंगा गया है स्कूल में फिर से उसका मन लगने लगा है." 36 वर्षीय कलाकार इस परियोजना के दौरान निवासियों के सहयोग के बारे में बताते हैं, "कुछ लोगों ने हमें कपड़े और खाना दिया. लोग बहुत खुल गए हैं, पहले की तरह बंद नहीं हैं." पड़ोस की गली में बच्चे फुटबॉल खेल रहे हैं. गार्सिया बताती हैं कि पहले मां-बाप उन्हें स्कूल के बाद खेलने नहीं देते थे, "इस डर से कि कहीं गिरोहों की लड़ाई में न फंस जाएं. लेकिन अब सबकुछ बदल गया है." चित्र पूरा होने के बाद से किसी ने उसके साथ छेड़छाड़ भी नहीं की है.
इलाके में रहने वाले अदांते लोपेज फिर भी आश्वस्त नहीं हैं. उनका मानना है, "मुख्य रूप से कैमरों की वजह से हिंसा कम हुई है. अपराधी अपराधी रहता है, दीवार का रंग कुछ भी हो." लेकिन वे भी स्वीकार करते हैं कि रंगों से हर्षोल्लास आया है और लोग अच्छे मूड में दिखते हैं. ग्रैफिटी ग्रुप जर्मन क्रू ने इस बीच क्वॉलिटी चित्रों की एक नई परियोजना शुरू की है जो उस मोहल्ले और निवासियों की कहानी कहेंगे. 24 वर्षीय कलाकार इरविंग त्रेखो कहते हैं, "कला उनके पास पहुंचाई जानी चाहिए जिनकी उस तक पहुंच नहीं है." वह इस समय एक बुजुर्ग महिला की विशाल तस्वीर उसके घर की दीवार पर बना रहे हैं.
अब नगर प्रशासन पाचूचा के इंद्रधनुषी कला का इस्तेमाल कर पर्यटकों को आकर्षित करना चाहता है. इसके लिए नगरपालिका अधिकारी स्थानीय निवासियों से सलाह मशविरा कर रहे हैं. उधर पड़ोसी मोहल्लों के निवासियों ने इस परियोजना में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है.
एमजे/आईबी (एएफपी)