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मुसलमानों के लिए ऑनलाइन सेक्स शॉप

१२ मई २०१०

हॉलैंड की राजधानी एम्स्टरडम निवासी अब्देलाज़ई औराग़ ने विश्व का पहला ऐसा ऑनलाइन इरॉटिक शॉप खोला है, जिसमें मुसलमानों की जरूरत पर ध्यान दिया गया है और उन्हें इसमें भारी सफलता मिल रही है.

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अल असीरा का पहला पन्नातस्वीर: el-asira.eu

पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले 29 वर्षीय औराग़ को अपनी ऑनलाइन दुकान खोलने का विचार मक्का की तीर्थयात्रा के दौरान आया. वह कहते हैं कि पवित्र स्थल के निकट भी दूसरे अरब देशों की तरह महिला अंडरगार्मेंट्स के बूटीक हैं. औराग़ का कहना है कि बहुत से लोग विश्वास ही नहीं करते कि यह संभव है क्योंकि वे मुसलमानों को ज़िंदगी को लुत्फ़ से दूर रहने वाला मानते हैं.

El Asira Screenshot Flash
कई तरह के उत्पाद मौजूदतस्वीर: el-asira.eu

इसे ग़लत साबित करने को तत्पर औराग़ ने दुनिया का पहला इंटरनेट इरॉटिक शॉप खोला है जो इस्लाम के धार्मिक कानूनों का पालन करता है. उनका कहना है कि इसमें लोग भारी रुचि दिखा रहे हैं. "ऑर्डर और पूछताछ पूरी दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आ रही है." वेबसाइट लांच होने के घंटे भर के अंदर 70,000 क्लिक्स हुए, सर्वर छोटा साबित हुआ और वेबसाइट ठप्प पड़ गया. इस बीच अल-असीरा डॉट ईयू स्थिर है और शरीयत कानूनों के अनुरूप काम करता है.

अपनी ऑनलाइन दुकान में औराग़ मसाज ऑयल, चिकनी जेली और विभिन्न प्रकार के दूसरे उत्पाद बेचते हैं जिसका उत्पादन स्वीडन में किया जाता है. उन्हें बनाने में अलकोहल, सूअर की चर्बी या दूसरे ऐसे जानवरों के उत्पादों का प्रयोग नहीं किया जाता, जिनका इस्तेमाल इस्लाम में वर्जित है. अल असीरा के उत्पादों को हलाल इरॉटिक उत्पाद कहा जा सकता है. वेबसाइट के पहले पन्ने से ही साफ हो जाता है कि साइट पर परम्पराओं का पालन किया जा रहा है. पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग अलग इंट्री गेट हैं.

अब्देलाज़ई औराग़ कहते हैं, "यह कहने की ज़रूरत नहीं कि साइट पर न तो नग्न चित्र हैं और न कोई पॉर्नोग्राफ़िक स्केच." मोरक्को मूल के औराग बढ़ई परिवार से हैं. वह एम्स्टरडम में जन्मे हैं और शिद्दत से इस्लाम धर्म का पालन करते हैं. वह कहते हैं, "डिब्बों पर भी ऐसी तस्वीरें नहीं होती जिन्हें हमारी संस्कृति में बुरा समझा जाता है."

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ऑनलाइन शॉप हो रही है चर्चिततस्वीर: picture-alliance/Tagesspiegel

औराग़ मानते हैं कि अल असीरा के ज़रिए वे पैसा कमाना चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने डच व्यापारिक गुण सीखे हैं. लेकिन वे साथ ही समाज में इस्लाम की ग़लत छवि भी बदलना चाहते हैं. उनका कहना है, "रसोईघर में महिला का चित्र, अधीनस्थ और बुरक़ा पहनने को मजबूर, प्रतिनिधि चित्र नहीं है. मुस्लिम दम्पत्तियों में बहुत प्यार, जिन्दगी के लिए चाहत और कामुकता है."

अब्देलाज़ई औराग़ का कहना है कि वे इस्लामी समुदाय में बहस को भी बढ़ावा देना चाहते हैं. इसलिए वेबसाइट का नाम उन्होंने अल असीरा रखा है, जिसका मतलब "समुदाय" है. बहुत से मुसलमान ऐसे हैं जो सेक्स और इस्लाम को वर्जना समझते हैं. औराग़ स्वीकार करते हैं, "यह कोई आश्चर्य नहीं कि हमें विरोध और धमकी भरे ईमेल भी मिलते हैं. लेकिन यह वेबसाइट के लांच से पहले था. कुछ लोगों ने बहुत बुरी बातों की कल्पना कर ली थीं."

रिपोर्ट: डीपीए/महेश झा

संपादन: ए जमाल