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मुशर्रफ पर देशद्रोह का मुकदमा

Abha Mondhe३१ मार्च २०१४

पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर देशद्रोह का मुकदमा चलेगा. मुशर्रफ ने कहा कि उन्होंने देश की रक्षा के लिए दो युद्ध लड़े, क्या ये देशद्रोह है. अदालत पर उनकी इस भावुक अपील का असर नहीं हुआ.

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तस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP/Getty Images

मुशर्रफ पर 2007 में राष्ट्रपति रहते हुए असंवैधानिक तरीके से देश में आपातकाल लागू करने करने का आरोप है. सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति सुबह सुबह इस्लामाबाद की अदालत में पेश होने पहुंचे. एक एसयूवी में आए मुशर्रफ की सुरक्षा के लिए कोर्ट परिसर में 2,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए थे. मामले की सुनवाई कर रहे विशेष ट्रिब्यूनल ने कार्यवाही के कुछ ही देर बाद पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ देशद्रोह के आरोप तय कर दिये.

तीन जजों वाले ट्रिब्यूनल ने मुशर्रफ को पांच आरोप पढ़कर सुनाए. पूर्व राष्ट्रपति ने खुद आरोपमुक्त करने की दलील देते हुए कहा, "मैं इस अदालत और अभियोजन पक्ष का सम्मान करता हूं. मेरा मानना है कि कानून के मामले में मेरे अंदर कोई अंहकार नहीं है और मैं इसी साल कराची, इस्लामाबाद और रावलपिंडी की अदालतों में 16 बार पेश हो चुका हूं."

70 साल के मुशर्रफ देशद्रोह के आरोप से खासे आहत हैं, "मुझे देशद्रोही कहा जा रहा है, मैं नौ साल तक सेना का प्रमुख रहा और मैंने इस सेना की 45 साल तक सेवा की है. मैंने दो युद्ध लड़े हैं और क्या ये देशद्रोह है?" अपनी दलील पेश करने के साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे नेताओं पर भी निशाना साधा, "मैं देशद्रोही नहीं हूं, मेरे लिए देशद्रोही वो हैं जो जनता का पैसा लूट रहे हैं और सरकारी खजाने को खाली कर रहे हैं."

Pakistan Pervez Musharraf Prozess Anhänger protestieren
मुशर्रफ की पार्टी के कार्यकर्तातस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP/Getty Images

1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्ता पलट कर सत्ता पर काबिज होने वाले मुशर्रफ के खिलाफ इस वक्त पाकिस्तान की अलग अलग अदालतों में कई मुकदमे चल रहे हैं. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या, पद के दुरुपयोग और संविधान से खिलवाड़ करने जैसे मामले हैं. 2001 से 2008 तक राष्ट्रपति रहे मुशर्रफ पाकिस्तान के इतिहास में सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहने वाले नेता हैं. पाकिस्तान इस दौरान उनकी मुट्ठी में रहा, लेकिन पद से हटते ही उनकी मुश्किलें शुरू हो गईं.

2008 में मुशर्रफ स्वनिर्वासन में लंदन चले गए. 2013 में वो पाकिस्तान वापस लौटे और संसद का चुनाव लड़कर वे फिर से देश की बागडोर संभालना चाहते थे. लेकिन अदालत में लंबित पड़े कई मुकदमे उनकी राह का रोड़ा बन गए. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक मुशर्रफ के मामले में सबकी नजरें पाकिस्तानी सेना पर हैं. पाकिस्तान में सबसे ताकतवर विभाग मानी जाने वाली सेना ने अभी तक अपना रुख साफ किया नहीं किया है.

ओएसजे/एमजे (एएफपी, डीपीए)