मुरलीधरन को सताता है हॉवर्ड का ताना
२० अक्टूबर २०१०1995 में टेस्ट मैच के दौरान हेयर ने मुरली को चकर कहा था. श्रीलंका के धुरंधर गेंदबाज का मानना है कि अंपायर ने ये गलती की थी लेकिन वे कहते हैं, "जो हुआ सो हुआ. मैंने उन्हें माफ कर दिया है और मैं उसे भूल भी गया हूं. मैं उन पर बहुत नाराज था. लेकिन अब नहीं हूं. गलतियां होती हैं और मैं सोचता हूं कि उन्होंने गलती की थी. मेरे एक्शन को तो हरी झंडी मिल गई. लेकिन अब मैं भूतकाल में फिर से नहीं देखना चाहता."
द डेली टेलग्राफ से बातचीत में मुरली ने कहा, "हॉवर्ड का टिप्पणी(2004) करना मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगा. इसलिए मैं अगले दौरे पर यहां खेलने नहीं आया. उस पद पर बैठे व्यक्ति से इस तरह की टिप्पणी आना लोगों के कुछ भी कहने की तुलना में बहुत बुरा था."
अगले महीने मुरली ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं जो उनका वहां का आखिरी टूर होगा. उन्हें याद है कि उन पर ऑस्ट्रेलिया में लोग उन दिनों किस तरह की फब्तियां कसते थे. "यहां मुझे कभी कभी मुश्किल हुई. लेकिन भीड़ में एक दो लोग ही होते थे जो ताना मारते. ये खेल का हिस्सा हैं. एक खिलाडी की हैसियत से आपको ये स्वीकार करना पड़ता है कि कुछ लोग शायद आपको पसंद नहीं करते."
मुरलीधरन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अगले साल के वर्ल्ड कप के बाद रिटायर होने वाले हैं. मुरली शेन वॉर्न की तारीफ में कहते हैं कि वो बहुत अच्छे कप्तान हैं. "उन्होंने ये आईपीएल के पहले संस्करण में साबित किया. जब उनकी टीम(राजस्थान रॉयल्स) में सिर्फ युवा खिलाडी थे लेकिन उन्होंने टीम को जिताया. मुझे शेन वॉर्न से क्रिकेट के बारे में बात करना हमेशा अच्छा लगता है. वह इतना कुछ जानते हैं. शायद दो सौ साल लगेंगे कि शेन वॉर्न जैसा कोई स्पिनर फिर आए. मैंने उनसे ज्यादा विकेट लिए, इसका एक ही कारण है कि मैंने कम उम्र में खेलना शुरू किया."
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः महेश झा