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मुंबई में क्रिकेट नर्सरी को खतरा

२१ अक्टूबर २०१०

मुंबई के तीन क्रिकेट मैदानों से भारतीय स्टार खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर जैसे बल्लेबाज निकल कर आए लेकिन लगता है कि मुंबई के ये मशहूर क्रिकेट मैदान जल्दी ही अपना अस्तित्व खो देंगे.

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तस्वीर: AP

सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर सहित कम से कम एक दर्जन ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने मुंबई के इन तीन मैदानों पर क्रिकेट के गुर सीखे हैं. लेकिन अधिकारियों को अब डर है कि अगर राज्य सरकार की योजना स्वीकृत हो जाती है तो दक्षिणी मुंबई के तीन सबसे मशहूर मैदान खो जाएंगे.

राज्य सरकार दक्षिणी मुंबई का हुलिया बदलना चाहती है. लेकिन सबसे बड़ी चिंता यह है कि ओवल, क्रॉस और आजाद मैदान सार्वजनिक मैदान में बदल जाएंगे. ठीक न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क की तरह या फिर लंदन के हाइड पार्क की तरह. इससे क्रिकेट को निश्तित ही नुकसान होगा.

Indien Cricket Sachin Tendulkar
तस्वीर: AP

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के संयुक्त सचिव लालचंद राजपूत का कहना है कि ये ग्राउंड नए क्रिकेट खिलाड़ियों के खेलने के लिए हैं. "सभी टेस्ट सुपरस्टार इन मैदानों से खेल कर गए हैं. सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, दिलीप वेंगसरकर, रवि शास्त्री. ग्राउंड खत्म कर देना कोई विकल्प नहीं है. मुंबई पहले से ही मैदानो की कमी से जूझ रही है. ये मैदान भी कम हो गए तो खिलाड़ी खेलेंगे कहां."

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन से 350 अलग अलग क्लब जुडे हुए हैं और साढ़े दस हजार खिलाड़ी. रविवार को ओवल मैदान युवा क्रिकेटरों से पटा रहता है. सप्ताह के दौरान स्कूल, कॉलेजों के बच्चे और युवा यहां प्रैक्टिस करते हैं और वह भी बहुत मामूली फीस के साथ.

बहुत सारे पिच पास पास बने हुए हैं. यही स्थिति पास के क्रॉस मैदान की है. यहां आठ क्लब खेलते हैं तो आजाद मैदान पर 22 क्लबों के खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं. यह वही मैदान है जहां 1988 में सचिन और कांबली ने 664 की साझेदारी की थी. इसी हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में पिछले साल 12 साल के सरफराज खान ने 439 रन बनाए थे. उन्हें अगला तेंदुलकर कहा जाने लगा.

सोहैल धोराजीवाला पिछले आठ साल से यहां क्रिकेट सिखा रहे हैं. 2-2 घंटे की क्लासेस में 300 खिलाड़ी उनसे ओवल पर क्रिकेट के गुर सीखते हैं. उऩका कहना है, "इन मैदानों को ऐसे ही रखा जाना चाहिए. मुंबई में ऐसे बहुत कम मैदान हैं जहां आप पिच पर मैच खेल सकते हैं. आप उन्हें कहीं और आयोजित नहीं कर सकते."

मुंबई शहर को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे गैर सरकारी संगठन बॉम्बे फर्स्ट के चेयरमैन कहते हैं, "मैं ऐसी किसी भी योजना का समर्थन नहीं करूंगा जो क्रिकेट को रोके. हम अच्छा शहर बनाने की कोशिश कर रहे हैं उसे नहीं लेंगे जो लोगों के पास है. इसे नेशनल पार्क में शामिल नहीं किया जाएगा. मुख्य बात है कि यहां बहुत लापरवाह काम भी चल रहे हैं. तो आइडिया है कि पूरी जगह की सफाई की जाए और बेहतर सुविधाएं व्यवस्थित तरीके से दी जाएं."

महाराष्ट्र सरकार में खेल उपसचिव सीमा उकाडे कहती हैं कि इस प्रस्ताव पर अभी चर्चा की जा रही है कि मुंबई में सेंट्रल पार्क या हाइड पार्क की तरह कुछ बनाया जाए. क्रिकेटरों की चिंता के बारे में उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की राय ली जाएगी.

रिपोर्टः एएफपी/आभा एम

संपादनः महेश झा

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