मिस्र में फिर क्रांति
मिस्र के राष्ट्रपति मुहम्मद मुरसी के तख्तापलट के साथ ही तहरीर चौक पर लोगों ने जमा हो जश्न मनाना शुरू कर दिया. मिस्र की सेना ने राष्ट्रपति मुहम्मद मुरसी को सत्ता से हटा कर हिरासत में ले लिया है.
लोगों की भागीदारी
राष्ट्रीय झंडे के साथ एक छोटी बच्ची ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया. राष्ट्रपति भवन कस्र अल कूबा के सामने खड़ी इस लड़की की पेशानी पर लिखा है, 'हटो.' आखिरकार लोगों के दबाव के बाद सेना को दखल देना पड़ा.
सड़कों पर जश्न
जैसे ही सेना ने काहिरा में राष्ट्रीय भवनों के सामने अपनी तोपें खड़ी करनी शुरू कीं, लोगों की खुशी भी दिखने लगी. हाथों में मिस्र का झंडा लिए लोग बाहर निकल आए और सड़कों पर नारे लगाने लगे.
हर तरफ खुशी
शाम होते होते मामला साफ होने लगा. सेना ने जो मीयाद तय की थी, राष्ट्रपति मुरसी उस पर खरे नहीं उतर पाए और यह बात लगभग साफ हो गई कि अब उन्हें दूसरे तरीके से हटना पड़ेगा. खबर फैलते ही लोगों ने सड़कों पर गाड़ियां दौड़ा दीं.
फिर तहरीर चौक
जिस जगह ने मिस्र में क्रांति की बुनियाद रखी थी, वही तहरीर चौक एक बार फिर से आबाद था. राष्ट्रपति मुरसी ने ट्विटर पर लिखा कि सेना सत्ता पलटना चाह रही है और आम लोगों को समझ में आ गया कि उन्हें मुस्लिम ब्रदरहुड के राष्ट्रपति से छुटकारा मिलने वाला है.
उठे लाखों हाथ
तहरीर चौक में लाखों लोग जमा हो चुके थे. वे बेसब्री से सेना के एलान का इंतजार कर रहे थे. हफ्ते भर के प्रदर्शन के बाद सेना प्रमुख टेलीविजन के सामने आए और एलान कर दिया कि अब मुर्सी इस देश के राष्ट्रपति नहीं रह गए हैं. लोगों ने हाथ उठा कर इस खबर का स्वागत किया.
उम्मीद की किरण
इस एलान के साथ ही तहरीर चौक और देश के दूसरे जगहों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. यह महिला लंबे वक्त से राष्ट्रपति भवन के सामने प्रदर्शन कर रही थी, उसने गहरी मुस्कान के साथ इस संदेश को कबूल किया.
स्वागत ही स्वागत
मिस्र की महिलाओं ने एक बार फिर प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. यह लगातार दूसरा मौका है, जब वे इस तरह सड़कों पर उतरी हैं. सेना प्रमुख अब्दुल फातेह अल सिसी के एलान के साथ ही उनके चेहरों पर खुशी दौड़ गई.
हर वर्ग की हिस्सेदारी
लोगों का आक्रोश कितना ज्यादा था, इस तस्वीर से अंदाजा लगाया जा सकता है. तहरीर चौक पर हर खेमे और हर उम्र के लोग जमा हुए. राष्ट्रपति मुरसी ने एक दिन पहले तक पद नहीं छोड़ने की बात कही थी.
मुरसी के साथ
हालांकि मिस्र के अंदर एक बहुत बड़ा तबका राष्ट्रपति मुरसी का समर्थन भी कर रहा था. वे भी सड़कों पर थे और राष्ट्रपति के पक्ष में प्रदर्शन कर रहे थे. लंबे वक्त तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन हालांकि कुछ समय के लिए हिंसक हो उठा, जब काहिरा में 15 से ज्यादा लोगों की जान चली गई.
इस कोने में खुशी नहीं
सेना के एलान के बाद तहरीर चौक पर जहां लोगों के चेहरों पर खुशी छा गई, वहीं मुरसी का खेमा निराश हो गया. मुस्लिम ब्रदरहुड को लगभग 80 साल के संघर्ष के बाद मिस्र में सत्ता मिली लेकिन वह इसे ठीक से एक साल भी नहीं संभाल पाया. फिर तो निराशा फैलनी ही थी.
रात भर जश्न
तख्ता पलट के एलान के साथ ही तहरीर चौक पर लोगों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया. सेना प्रमुख ने देर शाम एलान किया, जिसके बाद किसी को घर जाने की फिक्र भी नहीं थी.