बालू इस्तेमाल कर क्षेत्रफल बढा रहा है सिंगापुर
५ जुलाई २०१९कुआलालंपुर में अधिकारियों के अनुसार समुद्री रेत के लिए सिंगापुर का सबसे बड़ा स्रोत मलेशिया है लेकिन उसने रेत के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. व्यापारियों का कहना है कि इस कदम से समुद्र को भर कर बनाई गई भूमि के महत्वाकांक्षी विस्तार योजनाओं को पूरा करने में सिंगापुर को कठिनाईओं का सामना करना पड़ सकता है. उन योजनाओं में ट्यूस मेगा पोर्ट का विकास भी शामिल है, जो दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर टर्मिनल है. 1965 में सिंगापुर ने स्वतंत्रता के बाद से अपने भू-भाग में एक चौथाई की वृद्धि की है. ऐसा तटीय क्षेत्रों को रेत से भर कर किया गया है. सरकार के दो वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि पिछले साल सत्ता में आने वाले मलेशियाई प्रधान मंत्री मोहम्मद महाथिर ने 3 अक्टूबर को समुद्री रेत के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. सूत्रों ने कहा कि महाथिर इस बात से परेशान थे कि उनकी जमीन का इस्तेमाल अमीर पड़ोसी देश अपना आकार बढाने के लिए कर रहा है. वह इस बात से भी चिंतित थे कि मलेशियाई अधिकारी इस व्यवसाय से लाभ कमा रहे थे.
महाथिर के प्रेस सचिव एंडी शेजली अकबर ने पुष्टि की है कि सरकार ने पिछले साल रेत के निर्यात पर रोक लगा दी थी. हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि इसका उद्देश्य सिंगापुर की विस्तार योजनाओं पर अंकुश लगाना है. उनका कहना है कि यह अवैध रेत तस्करी पर रोक लगाने का कदम था. सूत्रों ने कहा कि राजनयिक संबंधो में संभावित खटास की वजह से प्रतिबंध को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया. वहीं, दूसरी ओर सिंगापुर ने प्रतिबंध पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है. सिंगापुर और मलेशिया ब्रिटिश शासित मलाया का हिस्सा थे और 1965 में अलग-अलग देश बन गए. देश के परिसीमन और साझेदारी वाले संसाधनों, जैसे पानी पर विवादों के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव होते रहे हैं.
सिंगापुर के राष्ट्रीय विकास मंत्रालय ने, जो रेत के आयात की देखरेख करता है, मलेशिया द्वारा प्रतिबंध के बारे में पूछे गए सवालों के सीधे जवाब नहीं दिए, लेकिन कहा कि रेत के कई स्रोत थे और यह इसके उपयोग को कम कर रहा है. मंत्रालय ने कहा, "रेत की आपूर्ति में लचीलापन बनाए रखने के लिए विभिन्न देशों से रेत का आयात किया जाता है." वहीं, सिंगापुर के लिए रेत का कारोबार करने वाले दो व्यापारियों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, "सरकार रेत पर निर्भरता को कम करने के लिए उद्योग को प्रोत्साहित कर रही है. रेत का अभाव हो रहा है और भारत से इसे लाना काफी महंगा होगा. रेत लाने में शिपिंग का ही सबसे ज्यादा खर्च आता है. सिंगापुर ने हाल के वर्षों में रेत का काफी स्टॉक किया है. इसका फायदा ये होगा कि यदि कुछ समय के लिए आपूर्ति में रूकावट भी आती है तो ज्यादा समस्या नहीं होगी."
बढता बार्डर
रेत का कोई अंतरराष्ट्रीय मूल्य नहीं है, जिससे मलेशिया द्वारा प्रतिबंध के वित्तीय प्रभाव का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. समुद्र की रेत का उपयोग फिर से जमीन रिक्लेम करने के लिए किया जाता है, जबकि नदी की रेत का इस्तेमाल सीमेंट जैसे निर्माण सामग्री के साथ किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के कॉमट्रेड डाटा के अनुसार सिंगापुर ने 34.70 करोड़ डॉलर की लागत पर 2018 में मलेशिया से 590 लाख टन रेत का आयात किया, जो दोनों देशों के सीमा शुल्क कार्यालयों द्वारा प्रदान की गई जानकारी पर आधारित है. यह सिंगापुर के कुल रेत आयात का 97% और मलेशिया की वैश्विक रेत बिक्री का 95% है. सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा कि महाथिर ने 1990 के दशक में प्रधानमंत्री रहते हुए इसी तरह समुद्री रेत पर प्रतिबंध लगाया था और अब उन्होंने नदी और मुहाना के बालू निर्यात पर भी शिकंजा कसा है.
जब इंडोनेशिया ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए 2007 में सिंगापुर में निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, तो इससे इस शहर-राज्य में "रेत संकट" पैदा हो गया था. इसका असर ये हुआ था कि निर्माण कार्य ठप्प पड़ गए थे. सिंगापुर ने तब से अपने भंडारण को बढ़ावा दिया है. एशिया में सबसे गरीब समुदायों के बीच निरंतर रेत खुदाई से तलछट प्रवाह और मछली पकड़ने का मैदान समाप्त हो रहा है. उनकी आजीविका नष्ट हो रही है और जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं. लेकिन सिंगापुर ने प्रत्यर्पण संधि और सीमा परिसीमन पर बातचीत में लाभ के रूप में प्रतिबंध का उपयोग करने के लिए इंडोनेशिया की आलोचना की.
बालू की जरूरत
सिंगापुर की परियोजनाओं पर सलाह देने वाले इंजीनियरिंग प्रोफेसर सी.एम. वांग कहते हैं, "सिंगापुर पहले ही अपने तटीय क्षेत्र का इस्तेमाल कर चुका है. इसका मतलब है अब आगे विकास करने के लिए समुद्र की गहराई को रेत से भरना होगा. सिंगापुर को अब अधिक रेत या पोल्डर्स और "वेरी लार्ज फ्लोटिंग स्ट्रक्चर्स" जैसे नए तरीकों की आवश्यकता है." सिंगापुर के विस्तार की गति तेज हो रही है. आधिकारिक आंकड़ा दिखाता है कि 2018 में सिंगापुर 2.7 वर्ग किलोमीटर बढ़ा. यह एक दशक में सबसे ज्यादा वार्षिक विस्तार है.
पुनर्ग्रहण परियोजनाओं में से एक टयूस "मेगा पोर्ट" है, जो 2040 तक कई चरणों में पूरा होगा. अधिकारियों ने कहा कि ट्यूस पर चार निर्माण चरणों में से पहला लगभग 1.8 अरब डॉलर की लागत से 2021 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके निर्माण में 8.8 करोड़ घनमीटर सामग्री का उपयोग होगा. यह 383 फुटबॉल मैदान के बराबर होगा. सिंगापुर ने कहा है कि ट्यूस पोर्ट प्रोजेक्ट समय पर पूरा होने की ओर अग्रसर है. सिंगापुर के समुद्री और बंदरगाह प्राधिकरण (एमपीए) के एक प्रवक्ता ने कहा, "रेत के अलावा एमपीए भूमि को रिक्लेम करने के लिए विभिन्न स्रोतों से सामग्री का उपयोग करता है. इनमें नेविगेशनल चैनल और फेयरवेज की ड्रेज्ड सामग्रियां भी शामिल हैं."
आरआर/एमजे (रॉयटर्स)
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