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मंथन 155 में खास

२१ अक्टूबर २०१५

साइंस के खास शो मंथन में इस बार बात मर्स वायरस के लक्षणों की. साथ ही जानिए, क्यों लेना पड़ता है डायबटीज के मरीजों को इंसुलिन.

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Südkorea MERS
तस्वीर: Getty Images/APP/Jung Yeon-Je

मंथन 155 में खास

मई 2015 के आखिर में मर्स नाम के संक्रमण ने दक्षिण कोरिया को चिंता में डाल दिया. अरब प्रायद्वीप के बाहर मर्स का यह सबसे बड़ा संक्रमण था. इस बीच दक्षिण कोरिया सरकार बीमारी के खत्म होने का दावा कर चुकी है. दुनिया भर में इसकी चपेट में एक हजार लोग आए, जिनमें से 400 की मौत हो गई. आखिर मर्स कितना घातक है. विषाणुओं पर शोध करने वाले दुनिया के चोटी के एक वैज्ञानिक से हमने यह जानने की कोशिश की. क्या मर्स ऊंटों के कारण फैला? क्या यह खांसी जुकाम की तरह इंसान से इंसान में फैल सकता है, जानिए मंथन की खास रिपोर्ट में.

सैकड़ों साल से डॉक्टर डायबिटीज के बारे में जानते हैं. लेकिन इसके खिलाफ कारगर इलाज आठ दशक पहले ही मुमकिन हुआ, जब कनाडा के दो वैज्ञानिकों ने आखिरकार वह कमी खोज ली जिसके चलते डायबिटीज होता है, इंसुलिन. आज मधुमेह के ज्यादातर रोगी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं. लेकिन आधुनिक जीवनशैली और खानपान की आदतों के चलते डायबिटीज अब विश्वव्यापी बीमारी बन चुका है. मंथन में जानिए, कैसे हुई इंसुलिन की खोज.

सेहत की बातों के बाद मंथन में इस बार ले चलेंगे आपको यूरोप के उत्तरी सागर के शांत और खूबसूरत किनारे पर. वाडेन सी बहुत ही संवेदनशील इलाका है. यहां इंसानों की अत्यधिक आवाजाही खलल डाल सकती है. 2009 में इसे विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित किया गया.

नीदरलैंडस, डेनमार्क और जर्मनी के बीच यह इलाका कई मायनों में अलग है. इसकी खूबसूरती बचाए रखने के लिए जर्मनी ने अपने हिस्से वाले इलाके वाडेन सी को तीन नेशनल पार्कों में शामिल किया है.

जर्मनी के अलावा होगी सैर मेक्सिको की भी, जहां के युकाटान प्रायद्वीप में माया समुदाय के लोग रहते हैं. ये यहां के मूल निवासी हैं जो बीते 3,000 साल से यहां रह रहे हैं. 16वीं शताब्दी में दक्षिण अमेरिका में सिर्फ इसी जगह स्पेन की साम्राज्यवादी ताकतों को सबसे लंबा संघर्ष करना पड़ा. आज माया समुदाय के सामने एक दूसरे किस्म का संघर्ष है. वे जीवनस्तर बेहतर करना चाहते हैं और पर्यावरण को भी बचाना चाहते हैं.

इसके अलावा होगी मुलाकात ब्रिटिश कलाकार टॉम प्राइस से जो फर्नीचर डिजायन करते हैं. वे बोरिंग से दिखते हार्डवेयर को भी कला के जबरदस्त नमूने तब्दील कर देते हैं. उनका काम इतना अलग है कि सैन फ्रांसिस्को का मॉर्डन आर्ट म्यूजियम भी उनके ग्राहकों में हैं. उनका बनाया फर्नीचर 15 हजार यूरो तक में बिकता है. इस सारी दिलचस्प जानकारी के लिए देखना ना भूलें मंथन, शनिवार सुबह 11 बजे डीडी नेशनल पर.

ओएसजे/आईबी