मर्सिडीज के हैमिल्टन की दूसरी जीत
७ अप्रैल २०१४बीते चार साल से वर्ल्ड चैंपियन बनते आ रहे रेड बुल के जर्मन ड्राइवर सेबास्टियान फेटल ने मुकाबले के दौरान ही टीम के रेडियो पर कहा, "मोड़ काटने के बाद गाड़ी सीधे ट्रैक पर भाग नहीं रही है. सब आगे निकलते जा रहे हैं." फेटल की खीझ रेस खत्म होने तक बनी रही. यह लगातार तीसरा मौका है जब फेटल संघर्ष करते दिखे. नए इंजन वाली कार से वो कतई संतुष्ट नहीं हैं.
रविवार की रेस मर्सिडीज के साथ ही भारतीय फॉर्मूला वन टीम फोर्स इंडिया के लिए अब तक सबसे बड़ी कामयाबी लाई. फोर्स इंडिया के मैक्सिकन ड्राइवर सेर्जियो पेरेज तीसरे स्थान पर रहे. पेरेज ने रेड बुल के डैनियल रिकॉर्डो को पीछे छोड़ अपनी टीम को पहली बार पोडियम पर चढ़ाया.
फेटल, जेसन बटन, फिलिपे मासा, और फर्नांडो अलोंसो जैसे सितारों के लिए रेस बोरिंग ही रही. नंबर एक बनने की होड़ हर वक्त मर्सिडीज के ब्रिटिश ड्राइवर लुइस हैमिल्टन और जर्मन ड्राइवर निको रोसबर्ग के बीच छिड़ी रही. रेस खत्म होने के बाद रोसबर्ग ने हैमिल्टन को गले लगाया. हैमिल्टन ने कहा, "बहुत ही लंबे समय बाद ये मेरे करियर के सबसे मुश्किल लम्हे रहे. जब आपका साथी ही लगातार आपके आस पास मंडराये और जबरदस्त गाड़ी चलाए तो आपको हर पल अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है."
हैमिल्टन की तरफ देखकर रोसबर्ग मुस्कुराए और बोले, "मुझे नौ बार लगा कि मैंने उन्हें पकड़ लिया लेकिन गड़बड़ हो गई. वह हमेशा आए और किसी तरह आगे निकल गए, उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया. लुइस एक महान ड्राइवर हैं, आगे मुझे और बेहतर प्रदर्शन करना होगा."
रोसबर्ग के मुताबिक एक दूसरे से करीब करीब चिपक कर चलने के बावजूद ऐसा कोई मौका नहीं आया, जिससे हादसे जैसे हालात बने, "मैं सीमाओं को तोड़ रहा था, लेकिन यह भी तय कर रहा था कि हमारी टक्कर न हो."
28 साल के रोसबर्ग फिलहाल चैंपियंसशिप के लिहाज से शीर्ष पर हैं. उनके 61 अंक हैं. 50 अंकों से हैमिल्टन दूसरे स्थान पर हैं. फोर्स इंडिया के निको हुल्केनबेर्ग 28 अंकों के साथ नंबर तीन पर हैं. सत्र की चौथी रेस 20 अप्रैल को चीन में होगी.
ओएसजे/एजेए (एएफपी)