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आरएसएस के आरोपों पर ट्विटराटी

आरआर/ओएसजे२४ फ़रवरी २०१५

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मदर टेरेसा की मंशा पर सवाल उठाने की देर थी कि राजनीतिक वर्गों से ही नहीं आम लोगों के भी तमाम संदेश सोशल मीडिया पर फैलने लगे.

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AP Iconic Images Mutter Theresa 1978
तस्वीर: AP

ट्विटर पर #RSSQuestionsTeresa हैंडल के साथ लोगों की प्रतिक्रियाएं आना जारी है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मदर टेरेसा की मंशा पर सवाल उठाने की देर थी कि राजनीतिक वर्गों से ही नहीं आम लोगों के भी तमाम संदेश सोशल मीडिया पर फैलने लगे. पहले देखें राजस्थान के भरतपुर में एक कार्यक्रम के दौरान आखिर भागवत ने कहा क्या है.

आरएसएस का कहना है कि भागवत ने केवल बिना किसी स्वार्थ के जरूरतमंदों की सेवा किए जाने पर जोर दिया. वहीं इन बयानों के जवाब में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रवक्ता सुनीता कुमार ने कहा, "मोहन भागवत को सही जानकारी नहीं है. उन्हें हमारे काम के बारे में और जानने के लिए खुद मिशन आकर देखना चाहिए." उन्होंने कहा, "मिशन गरीबों के लिए काम करता है, चाहे वे किसी भी धार्मिक पृष्ठभूमि के हों."

मिशन के इस वक्तव्य को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी समर्थन हासिल हुआ जब उन्होंने मदर टेरेसा को बख्श देने की अपील करते हुए यह ट्वीट किया.

भारत के कई सारे लोग सेवा की मूरत मानी जाने वाली मदर पर सवाल उठाए जाने से भावनात्मक रूप से आहत महसूस कर रहे हैं.

कांग्रेस पार्टी ने भी लोकसभा में भी मटर टेरेसा पर भागवत के विवादास्पद बयान का मुद्दा उठाया. पार्टी ने बीजेपी से आरएसएस प्रमुख के बयान के लिए माफी मांगने को कहा.

अल्बानिया में जन्मी मदर टेरेसा को 1979 में उनके सेवा कार्यों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया. पूरा जीवन गरीबों, बीमारों और कुष्ठ रोगियों की सेवा को समर्पित करने वाली मदर का देहान्त 1997 में कोलकाता में हुआ.

पिछले हफ्ते दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार, "बहुसंख्यकों या अल्पसंख्यकों के किसी भी धार्मिक समूह को एक दूसरे के खिलाफ खुले या छिपे तौर पर घृणा फैलाने नहीं देगी." अब देखना है कि आरएसएस के इस बयान पर प्रधानमंत्री मोदी क्या कदम उठाते हैं.