मजेदार जर्मन मुहावरे
भारत की ही तरह जर्मनी में भी प्रचलित कई ऐसे मुहावरे हैं जिन्हें सुनने पर अलग ही मतलब निकलता है, लेकिन उनका असल अर्थ कुछ और ही होता है.
जिंदगी कोई अस्तबल नहीं
जब जिंदगी की कठिनाइयों को आप हल्के में उड़ाते हैं तो जर्मनी में याद दिलाने वाला आपसे यह मुहावरा कह सकता है कि जिंदगी कोई अस्तबल भी नहीं यानी जिंदगी सिर्फ खूबसूरत नहीं है.
सारे कप अल्मारी में नहीं
यहां कप और अल्मारी के चक्कर में मत पड़िए. यही बात अगर हिन्दी में कही जाएगा तो कुछ यूं, 'दिमाग ठिकाने पर नहीं है' या फिर स्क्रू ढीला हो गया है.
मुझे सिर्फ स्टेशन समझ आता है
इस जर्मन कहावत को सुनकर लग सकता है कि कहने वाले को सिर्फ रेल्वे स्टेशन वाली भाषा बोलता है लेकिन असल में इसका मतलब दुविधा से है. यानि सुनने वाले को कही गई बात समझ नहीं आ रही.
मेरी नाक भरी हुई है
इस मुहावरे को कहने वाला जुकाम का मरीज नहीं. उसका मतलब है कि अब बस बहुत हुआ. अब मेरे सब्र की और परीक्षा न लो.
जश्न की रात
दफ्तर में लंबे, थकान भरे दिन के बाद जर्मनी में साथी अक्सर जश्न भरी रात की शुभकामनाएं देते हैं. ये शुभकामनाएं आपको अच्छी शाम के लिए दी जाती हैं, काम खत्म होने के बाद.
मेरी नजर में यह सॉसेज है
काम खत्म करने के बाद दोस्तों के साथ शाम को बैठे आप अगर यह जुमला कहेंगे तो वे समझ जाएंगे कि आप सॉसेज की बात नहीं कर रहे, बल्कि मतलब है कि आपकी इस मुद्दे पर कोई राय नहीं है.
अंगूठे दबाकर
जर्मनी में जब दोस्त गुड लक कहते हैं तो वे इस तरह कहते है.
झूठ के पांव छोटे होते हैं
झूठ के सहारे कुछ दूरी तो तय की जा सकती है लेकिन यह बहुत देर तक छुपता नहीं. जाहिर है इस मुहावरे के जरिए भी यही कहने की कोशिश हो रही है.