मखाया नतिनी ने लिया संन्यास
३ नवम्बर २०१०एक बयान में नतिनी कहा, "मेरे लिए अपने देश का प्रतिनिधित्व करना एक बहुत बढ़िया अनुभव रहा है. मेरे पास इतनी खूबसूरत यादें हैं जो जिंदगी भर मेरे साथ रहेंगी."
2009 दिसंबर में नतिनी ने अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला था. उसके बाद राष्ट्रीय चयनकर्ताओं में किसी ने भी उनमें दिलचस्पी नहीं दिखाई. अब वह अपना अंतिम मैच जनवरी में भारत के खिलाफ खेलेंगे. नतिनी ने 1998 में दक्षिण अफ्रीका के लिए खेलना शुरू किया. उन्होंने वनडे क्रिकेट से शुरुआत की. अब तक उन्होंने टेस्ट मैचों में 390 विकेट लिए हैं. उनका सबसे अच्छा स्कोर 7-37 और वनडे में उन्होंने 266 विकेट लिए हैं.
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रेम स्मिथ का कहना है कि वह नतिनी की उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं. स्मिथ ने कहा कि नतिनी भविष्य में आने वाले खिलाड़ियों के लिए एक आदर्श बन सकते हैं. उनके मुताबिक नतिनी ने हमेशा टीम का हौसला बनाए रखा और टीम में उनके कारण बड़ी ऊर्जा आई.
नतिनी को दक्षिण अफ्रीका में प्यार से म्दिंगी एक्सप्रेस बुलाते हैं. म्दिंगी पूर्वी तट पर है और नतिनी का घर यहीं है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को तो उन्होंने अलविदा कह दिया है लेकिन देश में वह स्थानीय टीमों के साथ खेलते रहेंगे. उन्होंने कहा, "मेरा करियर किसी भी हालत में खत्म नहीं हुआ है. इसका मतलब बस यही है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुझे अब और नहीं खेलना चाहिए. घरेलू क्रिकेट इस वक्त काफी अच्छा चल रहा है और मैं इसका हिस्सा बनना चाहता हूं." जब तक संभव होगा, नतिनी घरेलू क्रिकेट के साथ साथ अपनी क्रिकेट अकादमी भी शुरू करना चाहते हैं ताकि वह प्रतिभाशाली युवकों को कोचिंग दे सकें.
2003 में नतिनी दक्षिण अफ्रीका के ऐसे पहले खिलाड़ी बने जिसने इंग्लैंड के लॉर्ड्स में हो रहे टेस्ट मैच में 10 विकेट लिए. दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड के पूर्व प्रमुख अली बक्र याद करते हैं, "उस मैच के बाद उसने (नतिनी ने) दक्षिण अफ्रीका में कई लोगों को फोन किया ताकि अपने करियर में योगदान देने वालों का शुक्रिया अदा कर सके." उन्होंने कहा कि नतिनी का बडप्पन है कि वह अपने करियर की ऊंचाइयों पर भी दूसरों के बारे में सोचते थे.
बक्र बताते हैं, "माखाया बहुत ही गरीब परिवार से आता है और उस माहौल से बाहर निकलना, जहां गर्म पानी तक की सुविधा न हो और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेटर बनना बहुत बड़ी बात है." उन्होंने कहा कि नतिनी के पास खेल के लिए एक भूख थी और क्रिकेट के लिए बेइंतेहा प्यार था.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः ए कुमार