मंदिर बचाने की अपील
२५ मार्च २०१४निर्माण कार्य रत्नेश्वर महादेव मंदिर से कुछ मीटर के फासले पर हो रहा है. पाकिस्तान के अल्पसंख्यक वर्ग का कहना है कि भूमिगत सड़क निर्माण कार्य के दौरान हो रहे कंपन से मंदिर के प्राचीन ढांचे को भारी नुकसान पहुंच सकता है.
कहीं देर न हो जाए
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश तसद्दुक हुसैन जिलानी ने स्थानीय अधिकारियों से दो हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी है. लेकिन हिंदू समुदाय के एक नेता का कहना है कि तब तक शायद बहुत देर हो जाए.
पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के संरक्षक रमेश कुमार वंकवानी ने बताया, "इस समय निर्माण कार्य पर भारी भरकम मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है. हमारी दरख्वास्त है कि अदालत इस पर स्टे लगा दे."
रत्नेश्वर महादेव मंदिर कराची के काफी चहल पहल वाले इलाके क्लिफ्टन बीच के पास है. हिंदू काउंसिल के अनुसार इस मंदिर में हर साल एक भव्य मेले का आयोजन होता है जिसमें करीब 2,5000 श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं.
सरकार की जिम्मेदारी
भूमिगत सड़क का निर्माण बहरिया टाउन कंपनी मंदिर से काफी दूर स्थित गगनचुंबी इमारत से जोड़ने के लिए कर रही है. वंकवानी का कहना है कि इस इमारत का निर्माण भी उस जमीन पर हुआ है जिसे हिंदुओं से खाली कराया गया था. उनके मुताबिक भारत पाकिस्तान विभाजन के समय इस जमीन को हिंदुओं ने छोड़ दिया था. कानूनी तौर पर ऐसी संपत्ति का संरक्षण सरकार की जिम्मेदारी है. पाकिस्तान के स्वतंत्र मानव अधिकार आयोग की अध्यक्ष जोहरा यूसुफ के मुताबिक, "इससे शहर के ऐतिहासिक चेहरे को नुकसान पहुंचेगा."
पिछले दिनों पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक हिंदू मंदिर को जलाने की घटना सामने आई थी. ईशनिंदा की खबरों के बाद भड़के मुसलमानों ने मंदिर को आग लगा दी. इसके बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की रक्षा की जानी चाहिए.
एसएफ/ओएसजे (एएफपी/रॉयटर्स)