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मंथन है खास

११ सितम्बर २०१३

दूरदर्शन और डॉयचे वेले के सहयोग से तैयार साइंस शो मंथन ने एक साल पूरा कर लिया है. शो के 52वें एपिसो़ड में जर्मनी पर खास जानकारी दी गयी थी. पाठकों से हमे ढेरो बधाई सन्देश मिले. जानिए आप भी....

https://p.dw.com/p/19fXw
Ausschnitt aus unserem TV Magazin "Manthan". Der Beitrag wurde von einem Kollegen in der Redaktion gedreht. Zulieferer: Isha Bhatia. Titel: Making of Manthan Schlagworte: Manthan, making of, hindi Bildbeschreibung: Szene aus dem Beitrag "Making of Manthan", der in der 52. Sendung gelaufen ist. zu sehen sind Kollegen der Hindi Redaktion im Funkhaus DW Bonn. In welchem Zusammenhang soll das Bild/sollen die Bilder verwendet werden?: Artikel / Bildergalerie / Dossier Bildrechte: - Der Fotograf / die Fotografin ist (freie) Mitarbeiter(in) der DW, so dass alle Rechte bereits geklärt sind.
तस्वीर: DW

साइंस शो मंथन ने एक साल पूरा कर लिया उसके लिए मेरी, मेरे परिवार की और मित्रगणों की ओर से हार्दिक बधाई. इसी तरह मंथन कामयाबी का गगन चूमता रहे और प्रसारण माध्यम में प्रथम स्थान पर बना रहे, यही कामना करता हूं. सच में डीडब्ल्यू से जुड़कर बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है. मंथन ने एक साल पूरा कर लिया इसका पूरा श्रेय डीडब्ल्यू हिंदी टीम और आज तक इस प्रोग्राम के लिए कार्य कर चुके सभी लोगों को जाता है. इनके कार्य करने की लगन और मेहनत से ही यह सफल होता और इन सभी का मैं शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जो इतने अच्छे तरीके से इस प्रोग्राम बनाते हैं. मंथन बहुत ही प्यारा प्रोग्राम है लेकिन एक चीज का अफसोस है, बहुत जल्द खत्म हो जाता है. इस बार का मंथन काफी जानकारी भरा रहा और हम सभी को अच्छा लगा, बार बार देखने का मन होता है.

प्रमोद आर. भराटे, जलना, महाराष्ट्र

इस बार का मंथन वाकई खास रहा. आपने तो सब कुछ दिखा दिया-पर्दे के पीछे छिपे चेहरे और तमाम गतिविधियों को, जो दर्शकों को अकसर पता ही नहीं रहता. आप सबकी मेहनत, सूझबूझ और ईमानदारी प्रशंसनीय है. मंथन में ब्लू कार्ड पर जानकारी उपयोगी लगी. भारत के आईटी विशेषज्ञों और इंजीनियरों के लिए ब्लू कार्ड बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है. यह बहुत अच्छी बात है कि यह कार्ड पाने वाले विदेशियों में भारतीय कामगारों की संख्या सबसे ज्यादा है. निश्चित रूप से आने वाले समय में जर्मनी की ओर भारतीय कामगारों और छात्रों का रुझान और बढ़ेगा. साइंस शो मंथन की शानदार पहली वर्षगांठ पर पूरी 'मंथन' टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं.
चुन्नीलाल कैवर्त, जिला बिलासपुर, छत्तीसगढ़

Ausschnitt aus unserem TV Magazin "Manthan". Der Beitrag wurde von einem Kollegen in der Redaktion gedreht. Zulieferer: Isha Bhatia. Titel: Making of Manthan Schlagworte: Manthan, making of, hindi Bildbeschreibung: Szene aus dem Beitrag "Making of Manthan", der in der 52. Sendung gelaufen ist. zu sehen sind Kollegen der Hindi Redaktion im Funkhaus DW Bonn. In welchem Zusammenhang soll das Bild/sollen die Bilder verwendet werden?: Artikel / Bildergalerie / Dossier Bildrechte: - Der Fotograf / die Fotografin ist (freie) Mitarbeiter(in) der DW, so dass alle Rechte bereits geklärt sind.
तस्वीर: DW

मंथन से हम आनंद, ज्ञान और रोचकता के मजे ले रहे हैं, और उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में आप यूं ही इस शानदार शो को हमारे लिए बना संवार कर पेश करते रहेंगे. एक बात कहना चाहूंगा कि कोशिश करें कि हर मंथन एपिसोड में जर्मनी के बारे में किसी ना किसी विषय पर जानकारी जरूर दें, जिनमें आम जीवन से लेकर जर्मनी में होने वाली साइंस और टेक्नोलॉजी के मैदान में खोज तक के बारे में और बेशुमार विषयों को शामिल किया जाए. डॉयचे वेले से कोई 25 साल पुराने संबंध के कारण जर्मनी में मेरी रुचि भी उतनी ही गहरी और पुरानी है. डॉयचे वेले का टीवी प्रोग्राम तो अभी एक साल की बात है, लेकिन बीते 25 वर्षों में हम डॉयचे वेले से जर्मनी के बारे में सुनते ही आए थे, और इस खूबसूरत मुल्क के बारे में मन ही मन में अलग ही विचार पलते रहे. अब जब कि हमारे डॉयचे वेले का एक टीवी शो मंथन भी शुरू हो गया है और बहुत पसंद भी किया जा रहा है, तो हम चाहेंगे कि इस शो में हम जर्मनी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानें और देखें. मंथन की पूरी टीम से यही गुजारिश है कि जर्मनी की गलियों से लेकर आसमान की ऊंचाइयों तक जाने वाले जर्मनों और इस यूरोप के दिल की हर बात से आप हमें जर्मनी के करीब, और करीब रखें. ये मंथन से मेरी उम्मीद है कि वो हमें मायूस नहीं करेगा. दूसरी बात यह कि मंथन में कभी इस बारे में भी बताएं कि अमरीका या यूरोप समेत कुछ और देशों में गर्मियों के मौसम में जंगलों में आग कैसे और क्यों लगती रहती है, उसके बुरे और अच्छे असर क्या होते हैं, कैसे होते हैं?

आजम अली सूमरो, खैरपुर मीरस सिंध, पाकिस्तान

मेरे यहां मेरे कहने पर बहुत लोग मंथन देखते हैं और मेरे दोस्तों ने मुझे शुक्रिया अदा किया. उन सबको भी मंथन बहुत अच्छा लगता है. मैं मंथन टीम से अऩुरोध करता हूं कि आप इस कार्यक्रम में बिजली कैसे गिरती है दिखने में कैसी होती है, इसके बारे में जरूर दिखाएं. मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि हमारे यहां इस बारे में बहुत अंधविश्वास है. हर कोई अपना अपना विचार देता है. आप इस विषय को मंथन में दिखायेगे तो हमें बहुत अच्छा लगेगा. आपका यह प्रोग्राम और भी अच्छा हो यह कामनाए करते हैं.

संजय नस्कर

Manthan Shoot Drachenfels, Bonn 22.08.13 Die alle Bilder sind von Priya Esselborn Zulieferer: Abha Mondhe
तस्वीर: DW/P. Esselborn

मंथन आप कैसे तैयार करते हैं मुझे बहुत पसंद आया. एक प्रोगाम को बनाने में कितने लोगों की मेहनत लगती है यह आपने बताया, और आपकी यह मेहनत रंग भी लाई है: मंथन को एक साल पूरा होने पर आप सब को बहुत बहुत बधाई.

आकाश सूर्यवंशी, नागपुर

आज का प्रोग्राम बहुत खास था क्योंकि मंथन में मंथन को ही दिखाया गया. मैं मंथन को कभी मिस नहीं करता. मंथन के एक साल पूरे होने पर आपकी पूरी टीम को बधाई.

अखिलेश विश्वा

मंथन के एक वर्ष पूरा होने पर आपकी पूरी टीम को बधाई. मैं आपके काम और उपयोगी जानकारी हम तक पहुंचाने की सराहना करता हूं. वास्तव में मंथन मौजूदा दुनिया के बारे में जानकारी का एक अच्छा स्रोत है. आजकल हम विज्ञान के छात्रों के पास नेट पर सर्फ करने और नवीनतम जानकारी के लिए इतना समय नहीं है लेकिन डीडब्ल्यू ने वास्तव में इसमें हमारी मदद की है. डीडब्ल्यू की प्रस्तुति भी बड़ी शानदार होती है. आपके विचार और उनमें इस्तेमाल की गई भाषा बेहद सराहनीय है. अगर आप इस प्रोग्राम का समय एक घंटा कर दे तो मैं आपका बहुत आभार होगा.
विश्व कुशवाहा

इनके अलावा फेसबुक पर भी हमें ढेरों और बधाई सन्देश मिले है. भेजे हैं: ओम प्रकाश, सौरिश रॉय, भागचंद बैरवा, करण दुग्गल, दीपक लोधी, जिनेन्द्र सिंह, प्रफुल तेन्दुलकर, बसा जेविन, सौरव सरकार ने.

संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः निखिल रंजन

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