मंथन में इस बार
२४ दिसम्बर २०१५इंसान रोशनी पर निर्भर है. दिन में नीली रोशनी हमारे शरीर को स्टीमुलेट करती है. शाम में जब रोशनी में नीली किरणों का स्तर कम हो जाता है तो नींद के लिए जिम्मेदार हॉरमोन मेलाटोनिन रिलीज होने लगता है और हम थकने लगते हैं. फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट के रिसर्चर काम के दौरान इंसान पर रोशनी के असर पर काम कर रहे हैं. मकसद काम पर प्राकृतिक रोशनी जैसी रोशनी की व्यवस्था करना है.
मोबाइल ऐप से डॉक्टरी सलाह
पिछले कुछ सालों में हमारे मोबाइल फोन के ऐप्स ने हमारी जिंदगी में आमूल बदलाव ला दिया है. रेस्तरां खोजनी हो, कैश मशीन, फ्लाइट बुक करनी हो या कपड़े और किताबें खरीदनी हो, हर काम के लिए ऐप मददगार होते हैं. अब एक नया ऐप आया है जिसकी मदद से आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं रहेगी.
कछुओं की रक्षक
दक्षिण पश्चिम तुर्की में देश के प्रसिद्ध बीचों में एक इज़तूज़ू या कछुओं का बीच है. यह डालयान शहर में आनेवाले सैलानियों में अत्ंयत लोकप्रिय है. 1980 के दशक में इस इलाको को टूरिज्म का केंद्र बनाया जा रहा था, लेकिन बुजुरग इंग्लिश महिला कप्तान जून हाइमोफ की वजह से बच गया. उन्होंने स्थानीय समर्थन जुटाकर इस बीच पर होटल बनाने का विरोध किया जो मुख्य रूप से कछुओं का ब्रीडिंग का इलाका है. 25 साल बाद भी खतरा खत्म नहीं हुआ है.
वर्षावनों की जर्मन तरीके से मदद
अमेजन के वर्षावनों को जलवायु विशेषज्ञ धरती का एक फेफड़ा कहते हैं. लैटिन अमेरिका के बड़े हिस्से में फैले ये वर्षावन कॉर्बन डायॉक्साइड को सोखते हैं और हमें सांस लेने के लिए शुद्ध ऑक्सीजन देते हैं. लेकिन बीते कुछ दशकों की खेती अब इन फेफड़ों को निचोड़ रही है. कोलंबिया भी इससे अछूता नहीं है. वहां पर्यावरण और जंगल को बचाने अब जर्मनी की मदद से कुछ पायलट प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं.
मजेदार फ्रेंच केक
खाने पीने के लिहाज़ से हर देश, हर शहर की एक अलग पहचान होती है. जैसे हैदराबाद बिरयानी और मथुरा पेड़ों के लिए जाना जाता है, वैसे ही यूरोप के शहर कई तरह के केक के लिए मशहूर है. हालांकि जर्मनी में आपको ब्लैक फॉरेस्ट केक का इतना बड़ा पीस खाने को मिलेगा कि पेट ही भर जाए, तो फ्रांस में अलग तरह के केक और पेस्ट्री के छोटे छोटे से टुकड़े प्लेट में सजा कर दिए जाते हैं. मंथन में जानिए कैसे बनते हैं ये, इस बार शनिवार सुबह 11:30 बजे डीडी नेशनल पर.
आईबी/ओएसजे