भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा: मोदी
१८ नवम्बर २०१५प्रधानमंत्री मोदी सीबीआई द्वारा संपत्तियों की वसूली पर छठे वैश्विक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. मोदी ने कहा कि सरकार के सामने भ्रष्टाचार सबसे बड़ी चुनौती है और इससे लड़ना सरकार की प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर कहा कि पेरिस हमला दिखाता है कि आतंकवादियों के पास फंडिंग के बड़े रास्ते हैं. उन्होंने बताया कि आतंकवाद से लड़ने के लिए इनकी फंडिंग रोकना बेहद जरूरी है. इसके लिए मोदी ने वैश्विक स्तर पर "लक्षित आर्थिक प्रतिबंध" लगाए जाने का आह्वान किया. आतंकियों को नशीले पदार्थों की तस्करी, बैंकों में डकैती, वाहनों की चोरी और विफल सरकारों की ओर से आर्थिक मदद मिलती है.
पीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार करने वालों के साथ उनकी सरकार मुरव्वत नहीं बरतेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने 45 वरिष्ठ अधिकारियों को 'सरकारी कामकाज और जन-सेवा में असंतोषजनक प्रदर्शन' के कारण या तो हटा दिया है या उनकी पेंशन काट ली गई. पीएम मोदी के मुताबिक उनकी सरकार का लक्ष्य देश को नीति और तंत्र के मुताबिक चलने वाली शासन प्रणाली देना है, एक ऐसा ढांचा जो 'संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह' हो.
उन्होंने कहा, "सरकार ने भ्रष्टाचार की रोकथाम और काले धन के मामले से निपटने के लिए थोड़े समय में कई अहम कदम उठाए हैं." उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद से उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार ने लड़ने और काले धन को वापस लाने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट के नेतृत्व में कई अहम कदम उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक विशेष जांच दल का भी गठन किया गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने काले धन पर जानकारी हासिल करने के लिए कई देशों के साथ समझौते किए हैं.
मोदी ने कहा, "इस समय भारत राष्ट्र निर्माण के कठिन दौर में है. हमारा मकसद है समृद्ध भारत की स्थापना करना. ऐसा भारत जहां हमारे किसान सक्षम हों, कामगार संतुष्ट, महिलाएं सशक्त और युवा खुद पर निर्भर." उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य असंभव नहीं है लेकिन इसे पूरा करने के लिए भ्रष्टाचार का डट कर मुकाबला किया जाना जरूरी है.
एसएफ/आरआर (पीटीआई)