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भारत में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं

५ सितम्बर २०१४

2012 में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं भारत में हुईं. मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक खुदकुशी की बात करें तो पूरी दुनिया की हालत बहुत अच्छी नहीं. हर 40 सेकेंड में एक आत्महत्या करता है.

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तस्वीर: Fotolia/Dan Race

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक 2012 में भारत में कुल 2,58,075 लोगों ने आत्महत्या की. संख्या के हिसाब से यह आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा है. मृतकों में 99,977 महिलाएं और 1,58,098 पुरुष थे. अगर इसका औसत निकाला जाए तो भारत में प्रति एक लाख आबादी में 21 लोग आत्महत्या करते हैं.

रिपोर्ट में दक्षिण पूर्व एशिया को सबसे ज्यादा आत्महत्या दर वाला इलाका बताया गया है. भारत से इंडोनेशिया तक फैले इस इलाके में युवा और बुजुर्ग बड़ी संख्या में मौत को गले लगाते हैं. डब्ल्यूएचओ के मानसिक स्वास्थ्य और बुरे बर्ताव से जुड़े विभाग के निदेशक डॉक्टर शेखर सक्सेना कहते हैं, "यह रिपोर्ट, इस तरह की डब्ल्यूएचओ की पहली प्रकाशित रिपोर्ट है. यह आत्महत्या, उसकी कोशिश और दुनिया भर में खुदकुशी टालने के सफल उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी देती है."

अपनी जान लेने की प्रवृत्ति आम तौर पर गरीब या मध्य आय वर्ग वाले देशों में ज्यादा है. गयाना में एक लाख में से 44 लोग आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं. दक्षिण कोरिया में 38, उत्तर कोरिया में 30, श्रीलंका में 29, लिथुआनिया और सूरीनाम में 28, मोजाम्बिक में 27, नेपाल और तंजानिया में 25, बुरुंडी में 23, भारत में 21 और दक्षिण सूडान में प्रति एक लाख में 20 लोग आत्महत्या करने की प्रवृत्ति रखते हैं.

दुनिया भर में हर साल आठ लाख लोग अपनी जान लेते हैं. आत्महत्या करने वाले आम तौर पर जहर, फांसी या बंदूक का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं.

ओएसजे/एएम (पीटीआई)