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भारत चीन के विकास की वजह छह दशकों की शांति

८ जनवरी २०११

अमेरिका के एक प्रमुख रक्षा अधिकारी ने कहा है कि एशिया में चीन और भारत के असाधारण विकास के पीछे पिछले छह दशकों की शांति है.उनका मानना है कि दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले इस इलाके में शांति और स्थायित्व है.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी रक्षा विभाग में पूर्वी एशिया नीति उप सहायक सचिव माइकल शिफर ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज में ये बात कही. माइकल शिफर ने कहा,"इस क्षेत्र में बीते सालों में शांति को चोट पहुंचाने वाली कुछ बड़ी घटनाएं भी हुई हैं लेकिन संतुलन स्थायित्व और समृद्धि की ओर रहा है इसके पीछे एक वजह ये भी है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों, नियमों और संस्थाओं को यहां जगह मिली है, अमेरिका की यहां उसके सहयोगियों और साझीदारों के साथ अच्छी बन रही है, दुनिया के आम लोगों के लिए यहां सुरक्षा और खुलेपन का माहौल है."

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तस्वीर: AP

शिफर ने इस बात पर भी जोर दिया कि यहां ये शांति बनी रहनी चाहिए क्योंकि दुनिया की आधी आबादी इसी इलाके में रहती है. शिफर ने ध्यान दिलाया,"विकास और बदलाव का ये दौर अनूठा है. पर इतिहास ने हमें ये सिखाया है कि सत्ता परिवर्तन के समय बहुत सावधानी बरती जानी चाहिए, हम जानते हैं कि एशिया में ये दौर सत्ता में बदलाव है और दुनिया में पिछले दिनों जो हुआ उससे पता चला है कि इस दौर में विरोध, अनिश्चितता, अस्थिरता और विवाद होते हैं. हालांकि एशिया में सत्ता परिवर्तन की बेहतर परंपरा रही है बावजूद इसके भविष्य में क्या होगा ये तय नहीं है."

शिफर के मुताबिक 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण और केंद्रीय भू रणनीतिक सच्चाई एशिया का उभरना है. दुनिया में एशिया प्रशांत क्षेत्र ज्यादातर पैमानों पर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और सक्रिय इलाका है और इस पूरी सदी में इसका प्रभाव और बढ़ने की उम्मीद है. शिफर ने कहा,"एशिया प्रशांत क्षेत्र में दुनिया की आधी आबादी रहती है. अमेरिका और एशिया प्रशांत देशों के बीच कारोबार सालाना 10 खरब डॉलर तक पहुंच गया है. दुनिया के सबसे बड़े 15 बंदरगाह इसी इलाके में हैं जिनमें 9 तो केवल चीन में ही हैं और चीन अमेरिकी साझीदारों भारत,जापान,ताइवान,ऑस्ट्रेलिया, और दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार बन गया है.

इसके साथ ही उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि एशिया और एशिया प्रशांत क्षेत्र में ही दुनिया की पांच सबसे बड़ी सेनाएं भी हैं. भारत, पाकिस्तान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, उत्तर कोरिया और चीन की आर्मी के बारे में उन्होंने ये बात कही. अमेरिका रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स इसी हफ्ते बीजिंग के दौरे पर जा रहे हैं शिफर ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी ये ही कि वो ऐसे नियमों, संस्थाओं और बुनियादी सुविधाओं को विकास में मदद करें जिनसे कि इलाके में शांति और स्थायित्व बनी रहे.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः एस गौड़

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