भारत चाहता है जेल में रहे लखवी
१३ मार्च २०१५2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों में 166 लोगों की जान चली गई थी और इसके तार पाकिस्तानी आतंकियों के जुड़े होने की आशंका के कारण तबसे ही दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई. पाकिस्तान की एक एंटी-टेरर कोर्ट ने दिसंबर 2013 में लखवी को रिहा करने के आदेश दिए थे, जिसका नई दिल्ली ने कड़ा विरोध किया था. इसके तुरंत बाद ही पाकिस्तान ने लखवी को पब्लिक ऑर्डर लॉ के अंतर्गत हिरासत में रखने का निर्णय किया. अब इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उस आदेश को रद्द कर दिया है. वरिष्ठ सरकारी वकील जहांगीर जादून ने समाचार एजेंसी एएफपी को यह जनकारी देते हुए बताया कि इस बारे में विस्तृत निर्णय बाद में आने की उम्मीद है.
फिलहाल आए निर्णय का अर्थ है कि लखवी को आजाद किया जा सकता है. लेकिन अभी भी सरकार चाहे तो लखवी को जेल में ही रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है. तीन महीने से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद लखवी को अब तक एक बार भी बाहर नहीं निकाला गया है. मुंबई आतंकी हमलों का आरोप पाकिस्तान के प्रतिबंधित उग्रवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा पर लगा था. भारत लंबे समय से इस बात पर नाराजगी जताता आया है कि पाकिस्तान ने ना तो खुद इन आरोपियों को सजा दी और ना ही उन्हें भारत को सौंपा. लखवी के अलावा छह और संदिग्धों पर पाकिस्तान में आरोप तय तो हुए लेकिन बीते पांच सालों में भी यह मामले ज्यादा आगे नहीं बढ़े हैं.
भारत ने लखवी पर पाकिस्तानी हाईकोर्ट के ताजा फैसले की निंदा की है. भारत के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा, "पाकिस्तानी एजेंसियों को दोष साबित करने वाले सबूत अदालत में पेश करने चाहिए. आतंकवादियों की सच्चाई सामने लाने में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए. किसी भी आतंकी को अच्छा या बुरा आतंकवादी नहीं कहा जा सकता." रिजुजू ने साफ कहा है, "उन्हें (पाकिस्तान) को सुनिश्चित करना चाहिए लखवी रिहा ना हो और जेल से बाहर ना निकल पाए."
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान ने अपने देश के आतंकियों का हाथ होने की बात कभी नहीं मानी है. लेकिन लश्कर-ए-तैयबा के ही एक धड़े जमात-उद-दावा के संस्थापक हाफिज सईद को पाकिस्तान में सार्वजनिक सभाओं और कई टेलीविजन चैनलों पर बोलते देखा जा सकता है. सईद को पकड़ने के लिए अमेरिका ने 1 करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ है.
आरआर/एमजे (एएफपी,पीटीआई)