भारत को मिलेगा बांग्लादेश होकर ट्रांजिट
९ अगस्त २०१०बांग्लादेश की विदेश मंत्री दीपू मोनी ने कहा है कि उनका देश लंबे समय तक अलग थलग रहा है. भारत को ट्रांजिट सुविधाएं देने से बांग्लादेश को आर्थिक लाभ मिलेगा. विदेश मंत्री मोनी का कहना है कि सरकार बांग्लादेश को क्षेत्रीय हब बनाना चाहती है ताकि पूरा क्षेत्र एक दूसरे से जुड़ सके.
दीपू मोनी ने कहा, "जब हम बांग्लादेश को क्षेत्रीय हब बनाने के बारे में सोच रहे हैं और जब पूरे क्षेत्र को एक दूसरे से जोड़ने की बात हो रही है तो भारत को अपने पूर्वोत्तर के राज्यों तक सीधा रास्ता मिलेगा और लोगों तथा सामान का बेरोकटोक आवागमन होगा."
भारत और बांग्लादेश के संबंध 2001 से 2006 तक रूखे हो गए थे जब खालिदा जिया की बीएनपी और इस्लामी गठबंधन सत्ता में थे. भारत का आरोप था कि ढाका भारतविरोधी विद्रोहियों को पनाह दे रहा है और उग्रवाद को बढ़ावा दे रहा है. 2008 में अवामी लीग की शेख हसीना के प्रधानमंत्री बनने के बाद से दोनों देशों के संबंध सुधरे हैं. भारत ने शनिवार को बांग्लादेश को 14 ढांचागत परियोजनाओं के लिए एक अरब डॉलर का कर्ज दिया है जो किसी दूसरे देश को भारत द्वारा दिया जाने वाला सबसे बड़ा कर्ज है.
इतना बड़ा कर्ज लिए जाने पर विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए विदेश मंत्री मोनी ने कहा कि कर्ज बांग्लादेश के हितों को पूरा करने के लिए लिया गया है, लेकिन इसका भारत को भी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा, "यदि संचार संपर्क बनते हैं तो सबको लाभ पहुंचेगा. हमें इस नकारात्मक सोच से बाहर निकलना होगा कि यदि रोड और बंदरगाहों का विकास होता है तो भारत का फायदा होगा."
रिपोर्ट: पीटीआई/महेश झा
संपादन: ओ सिंह