'भारत के साथ बंद हो परमाणु व्यापार'
१८ जून २०१०पाकिस्तान और चीन के बीच असैन्य परमाणु करार की तैयारियों की आंच भारत पर पड़ने लगी है. 45 देशों के समूह एनएसजी के 14 सदस्य देशों के विशेषज्ञों ने भारत के साथ परमाणु सामग्री का व्यापार रोकने की मांग कर दी है. इस बाबत आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन ने एनएसजी देशों के दूतों को एक पत्र भेजा है. खत में कहा गया है कि, ''भारत और पाकिस्तान के पास सुरक्षा और बचाव संबंधी पूरा तंत्र नहीं है. दोनों देशों ने सीटीबीटी पर दस्तखत भी नहीं किए हैं और फिलहाल दोनों देश यूरेनियम संवर्धन की अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं.''
संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा गया है, ''हम आपकी सरकार से मांग करते हैं कि पाकिस्तान के साथ किसी भी परमाणु सामग्री के व्यापार का विरोध किया जाए. भारत के साथ परमाणु कारोबार पर तब तक रोक लगाई जाए जब तक वह यूएनएससी के 1172 प्रस्ताव को नहीं मान लेता.''
एनएसजी ने 2008 में भारत के साथ परमाणु सामग्री के कारोबार को मंजूरी दी थी. अमेरिका से परमाणु करार होने के बाद भारत रूस और फ्रांस समेत कई और देशों के परमाणु समझौता कर चुका है. करार के तहत भारत में असैन्य परमाणु कार्यक्रम के लिए यूरेनियम की आपूर्ति की जानी है. परमाणु करार के तहत अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के असैन्य परमाणु संयंत्रों की निगरानी कर सकता है. लेकिन आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन को डर है कि भारत और पाकिस्तान यूरेनियम संवर्धन करते हुए उससे परमाणु हथियार भी बना सकते हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: एम गोपालकृष्णन