भारत और जर्मनी की बढ़ती भूमिका
७ फ़रवरी २०१४इन्फोसिस का दौरा करने के बाद राष्ट्रपति गाउक बंगलोर में जर्मन कंपनी बॉश के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे. वह बेर्टल्समन संस्थान की एक बैठक में हिस्सा लेंगे. जर्मन राष्ट्रपति का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और जर्मनी को ज्यादा जिम्मेदारी निभानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि जर्मनी और भारत को अपने रणनीतिक रिश्ते इस स्तर पर बढ़ाने चाहिए ताकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार लाए जा सके. "परिषद को आज की सच्चाई दर्शानी होगी, न कि 1945 की." उन्होंने कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र यह सुधार लाता है तो यह संयुक्त राष्ट्र की भी वैधता का संकेत होगा. जर्मनी और भारत सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता चाहते हैं. राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों को जलवायु परिवर्तन पर मिलकर काम करना चाहिए.
बंगलोर पहुंचने से पहले नई दिल्ली में उन्होंने कहा, "हम ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे कि हम अपनी जिम्मेदारी निभा सकें." नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण से सबकी जिम्मेदारियां बढ़ रही हैं. भारत को जलवायु परिवर्तन में और बड़ी भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में एक अंतरराष्ट्रीय समझौता तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक हर देश अपना सहयोग न दे.
दुनिया भर में कार्बन डाय ऑक्साइड के उत्सर्जन को देखा जाए तो भारत तीसरे स्थान पर है. गाउक ने कहा कि जर्मनी में नवीनीकृत ऊर्जा की नई रणनीति बहुत सफल हुई है. भारत और जर्मनी मिलकर इस सिलसिले में एक समझौता भी कर रहे हैं. रविवार को गाउक म्यांमार के लिए रवाना होंगे.
एमजी/एमजे(डीपीए, पीटीआई)