1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारतीय रुपये का नया सिंबल जारी

१५ जुलाई २०१०

भारतीय मुद्रा यानी रुपया को नई पहचान मिल गई है. भारत सरकार ने इसके नए प्रतीक चिह्न को मान लिया है और अब जल्द ही रुपया दुनिया की पांच विशिष्ट मुद्राओं में शामिल हो जाएगा, जिनकी अपनी अलग पहचान है.

https://p.dw.com/p/OJaf
भारतीय नोटों की नई पहचानतस्वीर: DW/Hüls

रुपये का नया सिंबल देवनागरी के और अंग्रेजी भाषा के R का मिला जुला रूप है. लिख कर इसे बीच से काट दिया गया है. रुपया दुनिया की पांचवीं मुद्रा बन गई है, जिसकी अपनी अलग पहचान है.

इस निशान को आईआईटी से पास किए डी उदय कुमार ने तैयार किया है. भारतीय कैबिनेट ने गुरुवार को इसे पास कर दिया और बाद में सूचना मंत्री अंबिका सोनी ने इसे प्रेस के सामने पेश किया. रुपये से पहले अमेरिकी डॉलर $, ब्रिटिश पाउंड £, यूरोप की मुद्रा यूरो और जापानी मुद्रा येन ¥ की अलग पहचान है.

500 Rupien Scheine
पांच सौ रुपये के नोटतस्वीर: DW

सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने बताया कि भारतीय मुद्रा के नोटों और सिक्कों पर इस निशान को छापा जाएगा. कुमार के तैयार किए गए इस निशान को 3000 डिजाइनों में से चुना गया है. उन्हें ढाई लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा.

सोनी ने बताया कि छह महीने के अंदर इस सिंबल को अमल में लाने की कोशिश की जाएगी और एक से डेढ़ साल के अंदर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी पहचान बन जाएगी. अब तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय रुपये को INR कहा जाता है.

इस सिंबल को कंप्यूटर के की बोर्ड पर भी जगह मिलेगी. फिलहाल अमेरिकी डॉलर, यूरो और पाउंड जैसी मुद्राओं के लिए कंप्यूटर की बोर्ड में एक की होती है.

भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और इंडोनेशिया की मुद्रा भी रुपया कहलाती है. अब नए निशान के साथ भारतीय रुपये की साफ पहचान हो पाएगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः महेश झा