भारतीय राजनीति का हिस्सा बनने वाले शिक्षक
चुनाव के समय अलग-अलग पेशों वाले लोग राजनीति में आ जाते हैं. ऐसे में दुनिया को ज्ञान देने वाले शिक्षक कैसे पीछे हो सकते हैं. जानिए उन लोगों के बारे में जो शिक्षक से राजनेता बने.
डॉक्टर मनमोहन सिंह
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक अध्यापक से प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे थे. मनमोहन सिंह चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी के दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनिमिक्स में प्रोफेसर रहे थे. वो रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्त मंत्री भी रहे थे.
प्रणब मुखर्जी
मनमोहन सिंह सरकार में वित्त मंत्री और बाद में देश के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी ने भी शिक्षक के रूप में अपना कैरियर शुरू किया था. वो पहले क्लर्क बने और फिर कोलकाता के विद्यानगर कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर बन गए थे. 26 जनवरी 2019 को प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
मुरली मनोहर जोशी
भाजपा मार्गदर्शक मंडल के सदस्य मुरली मनोहर जोशी ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की. पढ़ाई पूरी होने के बाद वो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गए थे.
राजनाथ सिंह
नरेंद्र मोदी की सरकार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े रहे हैं. राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के केबी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, मिर्जापुर में भौतिक विज्ञान के लेक्चरर थे. यहां वो आरएसएस से जुड़े और राजनीति में आ गए. वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं.
मुलायम सिंह यादव
समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव राजनीति में आने से पहले पहलवानी का शौक रखते थे. फिर उन्होंने ट्रेनिंग ली और टीचर बन गए. उत्तर प्रदेश के करहैल में लेक्चरर रहे. लेकिन राजनीति में दिलचस्पी के चलते विधायक का चुनाव लड़े और पूरे राजनीतिक कैरियर में आज तक कोई चुनाव नहीं हारे.
मायावती
उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रहीं बसपा सुप्रीमो मायावती भी शिक्षक थीं. वो दिल्ली के इंदरपुरी की जेजे कॉलोनी के स्कूल में टीचर थीं. उस समय वो सिविल सर्विस परीक्षा की भी तैयारी कर रहीं थीं. वहीं वो कांशीराम के संपर्क में आईं और राजनीति में आ गईं.
सुब्रमण्यम स्वामी
अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं. पहले अमेरिका की हॉवर्ड यूनिवर्सिटी और उसके बाद आईआईटी दिल्ली में काम किया है.
शिवराज पाटिल
मनमोहन सिंह की सरकार में गृहमंत्री रहे शिवराज पाटिल भी पहले प्रोफेसर थे. वो मुंबई यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे थे.
रामगोपाल यादव
राज्यसभा सांसद और समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव भी प्रोफेसर रहे हैं. राजनीति में आने से पहले इटावा के केके पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में पहले भौतिकी और फिर राजनीतिक विज्ञान के लेक्चरर रहे. फिर इटावा के लोहिया डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल भी रहे.
तथागत रॉय
मेघालय के राज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी के नेता रहे तथागत रॉय पहले जादवपुर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे.
योगेंद्र यादव
आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और स्वराज इंडिया संगठन के संयोजक योगेंद्र यादव भी प्रोफेसर थे. वे 1985 से 1993 तक पंजाब यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर थे.