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भारतीय जासूस पकड़ने का पाकिस्तानी दावा

२५ मार्च २०१६

पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय राजदूत को तलब किया है. पाकिस्तानी अधिकारियों ने अपने हिंसाग्रस्त बलूचिस्तान प्रांत में अवैध रूप से घुसे एक भारतीय जासूस को पकड़ने का दावा किया है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/Press Information Bureau

मुंबई आतंकी हमले के सिलसिले में चल रहे मुकदमे में हेडली की सुनवाई के बीच पाकिस्तान के इस आरोप से दोनों पड़ोसी देशों भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ सकता है. कुछ महीने पहले भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादियों द्वारा भारत में प्रवेश कर पठानकोट एयरबेस पर हमला करने का आरोप लगाया था. इसमें भारतीय सेना के सात लोग मारे गए थे.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से भारतीय राजदूत को भेजे संदेश में कहा गया है, "एक रॉ अधिकारी के पाकिस्तान में अवैध प्रवेश और बलूचिस्तान, कराची में तबाही वाली गतिविधियों से उसके जुड़े होने पर अपना ऐतराज और गंभीर चिंता जताई है." अधिकारियों बलूचिस्तान में पकड़े गए इस तथाकथित भारतीय जासूस को पूछताछ के लिए इस्लामाबाद भेज दिया है.

रॉ यानि भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, देश के बाहर की जासूसी करने वाली प्रमुख एजेंसी है. पाकिस्तान का मानना है कि बलूचिस्तान प्रांत की सीमा में अलगाववादी विद्रोह को बढ़ावा देने में भारत मदद पहुंचा रहा है. भारत ने ऐसी किसी भी हरकत से जुड़े होने से साफ इंकार किया है. भारत का कहना है कि नेवी की नौकरी से समय से पहले ही सेवानिवृत्ति लेने वाले कुल यादव भूषण रॉ से नहीं जुड़े हैं.

भारत लंबे समय से कहता रहा है कि कश्मीर के कई इलाकों में पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता आया है. पाकिस्तान पर भारत के कई इलाकों के अलावा अफगानिस्तान में भी तालिबान को मदद पहुंचाने का आरोप लगता है.

बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि पकड़ा गया रॉ का जासूस भारतीय नौसेना का अधिकारी था. इसकी पुष्टि एक और पाकिस्तानी अधिकारी ने भी की है. दोनों ने मीडिया में अपना नाम उजागर करने से मना किया क्योंकि उन्हें इसकी अनुमति नहीं है. शुक्रवार को ही भारत ने पाकिस्तान के एक पांच सदस्यीय जांच दल को वीजा जारी किया है. 27 मार्च को भारत के लिए निकलने वाला यह दल पठानकोट हमले की जांच के सिलसिले में भारत आएगा. इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकियों का हाथ माना जा रहा है.

हाल के सालों में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आपस में मिलकर दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की कई कोशिशें की हैं. पिछले दिसम्बर में पीएम मोदी ने शरीफ के जन्मदिन के मौके पर अचानक उनसे जाकर मुलाकात की थी. पिछले एक दशक में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस पहली पाकिस्तान यात्रा से काफी हैरानी भी हुई थी.

आरपी/एमजे (पीटीआई,एएफपी,रॉयटर्स)