बढ़ रही है घरेलू स्वास्थ्य सेवाओं की भूमिका
६ अगस्त २०१८देश में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर उनको सेहतमंद रखने के लिए घरेलू स्वास्थ्य सेवाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. आगे बढ़ते भारतीय होम हेल्थकेयर को अगले दशक के लिए मुख्य बाधा के रूप में मानते हुए हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया (नैटहेल्थ) ने सिफारिश की है कि सरकार को विनियमन और गुणवत्ता से संबंधित एक पारदर्शी नीतिगत ढांचा स्थापित करने की जरूरत है.
नैटहेल्थ के अनुसार इस क्षेत्र में बीमा की उपलब्धता एक 'गेम चेंजर' हो सकती है. देश में स्वास्थ्य बीमा का प्रसार बहुत कम है और होम केयर अभी भी इससे बाहर है. इसलिए रोगी को पूरा समर्थन देने के लिए, स्वास्थ्य बीमा और होम हेल्थकेयर को अपनाने की जरूरत है.
नैटहेल्थ के महासचिव अंजन बोस ने इस बारे में समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, "होम हेल्थकेयर अगले दशक में सबसे व्यापक ट्रेंड होगा. इस क्षेत्र में काम करने के लिए कुशल नर्स और अन्य संबंधित स्वास्थ्य पेशेवरों को ढूंढना बड़ी चुनौती है." बोस ने आगे कहा, "फिलहाल सरकार का मुख्य फोकस स्वास्थ्य बीमा पर है, इसलिए तेजी से बढ़ने और कवरेज के दायरे को बढ़ाने के लिए बीमाकर्ताओं के लिए यह उचित समय है."
भारत में हेल्थकेयर के क्षेत्र में निवेश हो रहा है. इस दिशा में काम करने वाले कई स्टार्ट अप भी खुल गए हैं. कई कंपनियों ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद और अन्य छोटे शहरों सहित प्रमुख भारतीय शहरों में होम हेल्थकेयर सेवाओं की स्थापना की है. इसके तहत मुख्य रूप से बुजुर्गों की देखभाल, कीमोथेरेपी, पुनर्वास, फिजियोथेरेपी और डायलिसिस की सेवाएं दे जाती हैं. वर्तमान में भारतीय होम हेल्थकेयर कंपनियां बुजुर्गों की देखभाल, पुनर्वास और मधुमेह प्रबंधन पर केंद्रित हैं.
भारत में होम हेल्थकेयर का बाजार 2016 में 3.2 अरब डॉलर का रहा जिसके 2020 तक 6.2 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. 2018 में इसके 4.46 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. भारत में बुढ़ापे में 50 प्रतिशत मौतें पुरानी बीमारियों के कारण होती हैं. हालांकि इस क्षेत्र को आगे ले जाने के लिए देश में पर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और नीतिगत ढांचे की जरूरत है.
आईएएनएस/आईबी
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