बढ़ रहा है भारत से अमीर देशों की ओर पलायन
ओईसीडी समूह की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत से उसके सदस्य देशों में जाने लोगों की संख्या बढ़ रही है. जानिए कितने भारतीय अपने देश को छोड़कर अमीर देशों की तरफ पलायन कर रहे हैं.
क्या है ओईसीडी
ओईसीडी देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 1961 में बना एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है. इसके 37 सदस्य हैं और लगभग सभी सदस्य विकसित देश और ऊंची आय वाली अर्थव्यवस्थाएं हैं. भारत इसका सदस्य नहीं है.
भारत से पलायन
2018 में जिन देशों से पलायन कर आप्रवासी लोग ओईसीडी देशों में जा पहुंचे उनमें भारत दूसरे स्थान पर रहा. इन देशों की नागरिकता ग्रहण करने वाले आप्रवासियों की संख्या में भी भारत दूसरे नंबर पर रहा.
चीन से घटता पलायन
भारत से पहले रोमानिया दूसरे स्थान पर था, लेकिन आप्रवासन के सबसे बड़े स्त्रोत देशों में चीन लगातार पहले स्थान पर बना रहा. लेकिन 2017 के मुकाबले 2018 में चीन से पलायन 1.10 प्रतिशत घट गया. रोमानिया से भी पलायन 0.60 प्रतिशत कम हो गया.
और ज्यादा भारतीय छोड़ कर गए देश
जहां चीन और कई और देशों से ओईसीडी देशों की ओर पलायन घटा, भारत से 2017 के मुकाबले 2018 में पलायन पूरे 10 प्रतिशत बढ़ गया. जहां 2017 में तीन लाख भारतीयों ने पलायन किया, वहीं 2018 में यह संख्या बढ़ कर 3.30 लाख हो गई.
भारत आप्रवासन का बड़ा स्त्रोत
भारत से ओईसीडी देशों की और पलायन कर जाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. भारत से आप्रवासन ओईसीडी देशों में होने वाले कुल आप्रवासन का पांच प्रतिशत है.
कहां जाना पसंद करते हैं भारतीय
भारत छोड़ कर लोग ओईसीडी देशों में सबसे ज्यादा अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूके जाना पसंद करते हैं. 2018 में ऑस्ट्रेलिया और यूके जाने वाली भारतीय नागरिकों की संख्या में कमी आई, जबकि अमेरिका और कनाडा जाने वालों की संख्या बढ़ी.
कनाडा के प्रति आकर्षण बढ़ा
देश छोड़ कर जाने वाले भारतीयों में 2018 में 2017 के मुकाबले कनाडा के प्रति आकर्षण लगभग दोगुना हो गया. जहां 2017 में 9,978 भारतीय कनाडा गए, 2018 में यह संख्या बढ़ कर 19,487 हो गई.