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ब्रेक्जिट से घटेगी यूरोप की अरबों की आय

२१ मार्च २०१९

ब्रेक्जिट को लेकर ब्रिटेन में हो रही राजनीतिक उठापटक के बीच एक नई स्टडी से पता चला है कि ब्रेक्जिट के कारण ब्रिटेन और जर्मनी को सालाना करीब 67 अरब यूरो का घाटा होगा. वहीं अमेरिका और चीन जैसे देशों की आय बढ़ेगी.

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London: Brexit Proteste am 12. März
तस्वीर: picture-alliance/Zumapress

ब्रिटेन के ईयू से निकलने की शर्तें चाहे कैसी भी हों, ब्रेक्जिट के कारण यूरोपीय लोगों की आय में सालाना अरबों यूरो की कमी हो जाएगी. जर्मनी के बैर्टेल्समन फाउंडेशन की स्टडी दिखाती है कि ब्रेक्जिट का असर खास तौर पर तब बहुत बड़ा होगा यदि ब्रिटेन बिना किसी समझौते के ईयू से बाहर निकल जाता है. इसे हार्ड ब्रेक्जिट कहा जा रहा है. अगर ब्रिटिश संसद में कोई फैसला नहीं होता है तो ब्रिटेन के 29 मार्च को बिना किसी तय समझौते के यूरोपीय संघ से बाहर निकल जाने का खतरा है.

आय में घाटे का अनुमान इस आधार पर लगाया गया है कि ब्रेक्जिट के कारण चीजों और सेवाओं पर टैरिफ लगेगा. फिलहाल यूरोपीय संघ के सिंगल मार्केट सिस्टम में कोई टैरिफ नहीं लगता है. इस स्टडी के दो लेखकों में से एक डोमिनिक पोनाटू कहते हैं, "ब्रिटेन के ईयू में रहने से वह गुड्स एंड सर्विसेज के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा से बचा रहता है. ब्रेक्जिट के बाद चीजों के दाम ऊपर जा सकते हैं और लोगों का मेहनताना कम हो सकता है."

साफ नहीं ब्रेक्जिट की शर्तें

29 मार्च की अंतिम समय सीमा के केवल कुछ ही दिन दूर होने के बावजूद अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या ब्रिटेन 28 देशों के यूरोपीय संघ को किसी समझौते के साथ छोड़ेगा या बिना उसके. ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे अपने सांसदों को ईयू के साथ तय हुई शर्तों के लिए मनाने में अब तक नाकाम रही हैं. एक बड़ा धड़ा ब्रेक्जिट की समय सीमा को आगे बढ़ाने के पक्ष में है.

Infografik Brexit to cost billions inincome losses EN

ब्रिटेन के निकल जाने पर यूरोपीय संघ के बाकी नागरिकों की आय पर भी बुरा असर होगा. स्टडी दिखाती है कि अगर ब्रिटेन बिना किसी समझौते के बाहर होता है तब हर साल उन्हें आय में करीब 40 अरब यूरो का नुकसान झेलना होगा. वहीं ब्रिटेन में रहने वालों की आय में सालाना करीब 57 अरब यूरो या प्रति व्यक्ति 873 यूरो की कमी आएगी. बैर्टेल्समन फाउंडेशन के अध्यक्ष आर्ट दे गॉयस कहते हैं, "ब्रेक्जिट के कारण दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक क्षेत्र की नींव हिल जाएगी. ब्रसेल्स और लंदन को एक समझौते पर पहुंचने की हर संभव कोशिश करनी ही होगी."

ईयू में सबसे ज्यादा प्रभावित - जर्मनी

निर्यात पर बहुत ज्यादा निर्भर देशों जैसे जर्मनी और फ्रांस को "हार्ड" ब्रेक्जिट से सबसे बड़ा झटका लग सकता है. स्टडी में कहा गया है कि जर्मनी के लोगों को हर साल इससे करीब 10 अरब यूरो का घाटा झेलना पड़ेगा. जर्मनी के दक्षिणी राज्यों जैसे बवेरिया, बाडेन वुर्टेमबैर्ग और पश्चिमी राज्य नार्थ राइन वेस्टफेलिया के औद्योगिक और निर्यात केंद्र बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं.

साल 2017 के आंकड़े देखें, तो जर्मन कंपनियों के निर्यात के लिए चोटी के पांच देशों में ब्रिटेन भी शामिल था. यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे बड़े निर्यातक जर्मनी ने ब्रिटेन को 85 अरब यूरो से भी अधिक मूल्य का सामान भेजा. फ्रांस और इटली भी निर्यात में अरबों यूरो का घाटा झेलेंगे.

'सॉफ्ट' ब्रेक्जिट से क्या होगा

अगर ब्रिटेन ईयू से परस्पर सहमति बना कर समझौतों के साथ बाहर निकलता है यानि सॉफ्ट ब्रेक्जिट होता है, तो इसके कारण सभी पक्षों पर कम बुरा असर होगा. यूरोपीय संघ के बाकी देशों को होने वाला अनुमानित घाटा तो करीब आधा हो जाएगा. इससे जर्मनों की आय में आने वाली सामान्य कमी भी घट कर पांच अरब यूरो और ब्रिटेन के नागरिकों की आय में कमी करीब 32 अरब यूरो के आसपास रहेगी.

इसके कारण यूरोपीय संघ के बाहर के कुछ देशों को खास फासदा पहुंच सकता है. हार्ड ब्रेक्जिट के कारण अमेरिका के लोगों की आय में सालाना 13 अरब यूरो की बढ़त देखने को मिल सकती है. दूसरी ओर, चीन में भी इसके कारण सालाना पांच अरब यूरो आय बढ़ेगी. स्टडी के अनुसार, रूस की सालाना आय में भी करीब 26 करोड़ यूरो की बढ़ोत्तरी आ सकती है. पोनाटू व्यापार जगत पर असर को समेटते हुए कहते हैं, "ब्रेक्जिट के कारण यूरोप के साथ कारोबार करना महंगा हो जाएगा, जबकि बाकी की दुनिया के साथ ज्यादा आकर्षक." (आशुतोष पाण्डेय/आरपी)