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ब्रिटिश पीएम मे का मुश्किल विदेश दौरा

आरपी/एमजे (एपी, रॉयटर्स)२० जुलाई २०१६

ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में टेरीजा मे की पहली विदेश यात्रा जर्मनी और फ्रांस है. यात्रा का मकसद ईयू के इन दो प्रभावशाली देशों के सामने ब्रेक्जिट पर ब्रिटेन का पक्ष रखना और आतंकवाद जैसे मुद्दे पर एकजुटना दिखाना है.

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Theresa May im Flugzeug
तस्वीर: Imago

दो शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं की प्रमुख जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे की बर्लिन में पहली मुलाकात है. यूरोपीय देशों के बीच इतनी घनिष्ठता के बावजूद दोनों नेता पहले कभी नहीं मिले हैं. ब्रिटिश संसद को संबोधित करने के अगले ही दिन नई प्रधानमंत्री टेरीजा मे अपनी पहली विदेश यात्रा पर निकली हैं. बुधवार को बर्लिन में यूरोपीय संघ के एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली सदस्य के तौर पर जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के साथ ब्रेक्जिट के मुद्दे पर चर्चा काफी मायने रखती है.

एक हफ्ते पहले ही टेरीजा मे ने डेविड कैमरन की जगह कुर्सी संभाली है. कैमरन ने ब्रिटेन की जनता के 28 देशों के संगठन ईयू से बाहर निकलने के निर्णय के कारण पद से इस्तीफा दे दिया. कैमरन 40 साल से भी लंबे समय से यूरोपीय संघ के सदस्य रहे ब्रिटेन के ईयू में बने रहने के समर्थक थे.

टेरीजा मे की इस पहली विदेश यात्रा में जर्मनी के अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद के साथ मुलाकात की योजना भी शामिल है. ब्रिटेन ने फ्रांस के साथ मजबूत होते "व्यक्तिगत संबंधों से आने वाले महीनों में आपस में खुली और निसंकोच चर्चा" करने में मदद मिलने की उम्मीद जताई है. उनकी इस यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण संदेश ये होगा कि पहले की ही तरह ऐसे संकटों में ब्रिटेन बाकी यूरोपीय देशों के साथ ही खड़ा है.

आजकल मे का सामना हर जगह इस सवाल से हो रहा है कि वे ईयू संधि का आर्टिकल 50 कब लागू करेंगी. इसकी घोषणा के बाद से दो साल की अवधि में ब्रिटेन के ईयू से बाहर निकलने की घड़ी का काउंटडाउन शुरु हो जाएगा. वे पहले कह चुकी हैं कि इस साल के अंत तक तो वे ऐसा नहीं करना चाहेंगी, लेकिन कई ईयू नेताओं का मानना है कि जब तक आर्टिकल 50 लागू नहीं होता, ब्रिटेन के साथ भविष्य के संबंधों को लेकर कोई सार्थक बातचीत नहीं की जा सकती और इसीलिए जल्द ही एक तारीख चुनने का दबाव भी है.

2017 के उत्तरार्ध में छह महीने के लिए यूके को ईयू की अध्यक्षता का मौका मिलता. लेकिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनल्ड टुस्क को सूचित कर दिया है कि वे इस जिम्मेदारी को नहीं उठाएंगे और उस दौरान संघ से बाहर निकलने से संबंधित विषयों पर काम करेंगे.