बौद्धिक संपदा मामले में 60 अरब का हर्जाना
२४ नवम्बर २०१०कैलिफोर्निया के ओकलैंड में जूरी ने फैसला सुनाया कि एसएपी को बौद्धिक संपदा अधिकारों के हनन के लिए ओरेकल को 1.3 अरब डॉलर यानी करीब 60 अरब रुपये की राशि देनी होगी. एसएपी की सबसिडियरी सॉफ्टवेयर सर्विसिंग कंपनी टुमॉरोनाव ने गैरकानूनी तरीके से इंटरनेट के माध्यम ओरेकल से सूचनाएं डाउनलोड की थीं.
ओरेकल ने इसे आरंभ में औद्योगिक जासूसी बताया था लेकिन बाद में इसे सिर्फ डेटा की चोरी बताया. एसएपी ओरेकल को नुकसान की भरपाई के लिए 4 करोड़ डॉलर देने को तैयार था लेकिन शुरुआती ना नुकुर के बाद ओरेकल ने 1.7 अरब डॉलर की मांग की.
अब जूरी ने एसएपी से 1.3 अरब डॉलर का हर्जाना भरने को कहा है. आर्थिक समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग के अनुसार बौद्धिक संपदा अधिकारों के हनन के मामले में सबसे बड़ा जुर्माना है.
एसएपी ने इस मामले में अपनी गलती स्वीकार कर ली थी और ओरेकल के साथ समझौता करने को तैयार था. कंपनी के सह प्रमुख बिल मैकडेरमॉट ने पिछले सप्ताह अदालत में गवाही देते हुए घटना पर अफसोस व्यक्त किया था. ओरेकल के वकील डेविड बॉइस ने अदालत में बार बार कहा कि लाखों दस्तावेजों पर आक्रामक हमला हुआ.
टुमॉरोनाव का कारोबारी मॉडेल सस्ते में सॉफ्टवेयर की सर्विसिंग करना था. ओरेकल ने धीरे धीरे उन सॉफ्टवेयर कंपनियों को खरीद लिया था जिनके सॉफ्टवेयर की सर्विसिंग टुमॉरोनाव करता था. एसएपी टुमॉरोनाव का उपयोग कर ओरेकल के ग्राहकों को अपनी ओर खींचना चाहता था. लेकिन टुमॉरोनाव के 358 ग्राहकों में सिर्फ 86 ने एसएपी का सॉफ्टवेयर खरीदा.
एसएपी ने इस मामले में टुमॉरोनाव के कर्मचारियों की गलती मान ली थी. सवाल सिर्फ हर्जाने की राशि का था. एसएपी का दावा था कि ओरेकल का नुकसान 3 से 4 करोड़ डॉलर हुआ जबकि ओरेकल 1.7 से 3 अरब डॉलर के नुकसान का दावा कर रहा है. एसएपी ने सर्विसिंग कंपनी टुमॉरोनाव को 2008 में बंद कर दिया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: वी कुमार