बॉलीवुड को कहा अलविदा: तस्वीरों में
मशहूर हस्तियों, अभिनेताओं की मृत्यु पर हमारे कई पाठकों ने अपनी भावनाएं हम तक पहुंचाई. यहां आप पढ़ सकेंगे हमारे पाठकों के विचार.
शमशाद बेगम (14.04.1919 - 23.04.2013)
बॉलीवुड के शुरुआती दिनों की कुछ ही आवाजें ऐसी रहीं जो आज भी सिने प्रेमियों के मन को छू जाती हैं उनमें से एक शमशाद बेगम भी थीं जिनके गाने पुरानी क्या नई पीढ़ी को भी वैसे के वैसे याद रहते हैं. रवि श्रीवास्तव, इण्टरनेशनल फ्रेण्डस क्लब, इलाहाबाद
जसपाल भट्टी (03.03.1955 – 25.10.2012)
दुनिया को हंसाने वाले जसपाल भट्टी दुनिया को अलबिदा तो कह गए परंतु उनका गुदगुदाने वाला एहसास हमारे अंदर हमेशा ज़िंदा रहेगा. जसपाल भट्टी भले ही हमारे बीच नहीँ रहे लेकिन उनके रसीले व्यंग्य हमेशा ज़माने को हंसाते और गुदगुदाते रहेँगे. आबिद अली मंसूरी, ,बरेली, उत्तर प्रदेश
राजेश खन्ना (29.12.1942 – 18.07.2012)
भारतीय सिनेमा को 2012 में सदाबहार रोमांटिक हीरो राजेश खन्ना की विदाई भी झेलनी पड़ी. दो रास्ते, आराधना, आनंद और अमर प्रेम जैसी उनकी फिल्मों को आज भी मन देखने को करता है. पाठक सुधांशु लिखते हैं "आज सितारों में शामिल होने से पहले, आप एक सुपरस्टार थे! "
दारा सिंह (19.11.1928 – 12.07.2012)
दारा सिंह फ़िल्मी दुनिया के पहलवान थे. जब मैं स्कूल में था तब दारा सिंह बनाम किंग कांग कुश्ती वाली फिल्में देख कर मजा लेता था. ओलंपिक की कुश्ती में भी इंहोंने भाग लिया था यह पहलवान फिर वापिस नहीं आयेंगे. सुनीलबरन दास, आरबीआई श्रोता क्लब, नादिया, पश्चिम बंगाल
रविशंकर (07.04.1920 – 11.12.2012)
रविशंकर को भारतीय संगीत को विश्व पटल पर लाने के लिए जाना जाता है. पंडित रविशंकर के निधन पर माधव शर्मा लिखते हैं "इस सितार के तार बजते रहेंगे" और विजय कुमार चौरसिया कहते हैं " कबीरा जब हम पैदा हुए जग हंसे हम रोए, ऐसी करनी कर चले कि हम हंसे जग रोए.. कोई शक नहीं कि पंडितजी ऐसा कर्म कर गये. "
मेहदी हसन (18.07.1927 – 13.06.2012)
गजलों का राजा के बारे में शाहिद हुसैन कहते हैं, "मेहदी हसन तो चले गए लेकिन उनकी आवाज हमेशा रहेगी." वहीं दीपक कुमार के मुताबिक, "उनकी आवाज हम तक ताउम्र सकूं देती रहेगी!"
ए.के. हंगल (01.02.1917 – 26.08.2012)
हिंदी सिनेमा के सबसे प्यारे बुजुर्ग ए.के. हंगल यानी अवतार किशन हंगल के बारे में पाठक अतुल कुमार लिखते हैं, "एक युग का अंत! ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें." इन्होंने बड़ी सादगी से लोगों के दिल में अपनी जगह बना ली थी. इन्होंने 1966 - 2005 तक बावर्ची, अवतार, नौकरी, अमर दीप, बेवफाई जैसी कई हिंदी फिल्मों में काम किया.