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बेदी की चिट्ठी ने मचाई हलचल

१६ फ़रवरी २०१५

सोशल मीडिया पर किरण बेदी के ओपन लेटर की खूब चर्चा हो रही है. कोई इसे दिल्ली चुनावों में मिली हार से पल्ला झाड़ने की कोशिश बता रहा है तो कोई चुनावी प्रक्रिया पर उठाए उनके सवालों को संजीदा मानता है.

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Kiran Bedi Schriftsteller Literaturfestival Jaipur
तस्वीर: Jasvinder Sehgal

16 फरवरी को देश के नाम लिखी अपनी चिट्ठी में किरण बेदी के संदेश में दिल्ली, चुनावी प्रक्रिया, राजनीतिक दंगल और उनकी हार से जुड़ी कई बाते हैं. कुछ लोग इन्हें एक व्यंग्यात्मक पुट दे रहे हैं.

बेदी ने इस चिट्ठी में लिखा है कि उन्हें नहीं लगता कि राजनीति में सेवार्थ काम करने वाले लेवेल हेडेड लोगों के लिए कोई जगह है. यह निराशा जताते हुए उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि कैसे वे दिल्ली की भलाई इसी में देखती हैं जब वह केंद्र सरकार के साथ "एलाइंड" हो.

दूसरी ओर, बेदी के परिवार और मित्रों समेत कइयों का मानना है कि वे राजनीति के लिए कुछ ज्यादा ही साफ सुथरी हैं.

मतदान के पहले तक यह उम्मीद जतायी जा रही थी कि किरण बेदी को बीजेपी उम्मीदवार होने का फायदा मिलेगा. मोदी की लहर की बात करने वाले तब हैरान रह गए जब इसका उलट हुआ. कभी अन्ना हजारे के जन लोकपाल आंदोलन से जुड़कर सहयोगी के तौर पर काम कर चुके बेदी और केजरीवाल के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर नजदीकी टक्कर होने की उम्मीद लगाई जा रही थी.

यहां देखें कि 11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हारने वालों पर कैसे कैसे व्यंग्य कसे गए.

आरआर/आईबी