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समाज

बुजुर्ग आबादी से परेशान बैंक ऑफ जापान

१७ जनवरी २०१९

बैंक ऑफ जापान के गवर्नर हरुहिको कुरोडा ने कहा है कि तेजी से बुजुर्ग होती आबादी से अर्थव्यवस्था को मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा.

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Japan Sitz der Bank of Japan in Tokio
तस्वीर: Getty Images/AFP/K. Nogi

बैंक ऑफ जापान के गवर्नर हरुहिको कुरोडा का कहना है कि जापान में आबादी की बढ़ती उम्र और कम होती जनसंख्या परेशानी की बात है. इस वजह से भविष्य के लिए आर्थिक नीतियां बनाने में मुश्किल होगी. कुरोडा ने बताया कि आगे चल कर ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जो घटती आबादी के बावजूद आर्थिक विकास को ना रोकें.

कुरोडा अप्रैल 2013 से बैंक ऑफ जापान के गवर्नर है और उन्होंने इन बरसों में जापान की अर्थव्यवस्था को डिफ्लेशन (जब मंहगाई की दर शून्य से नीचे चली जाती है और चीजों के दाम नहीं बढ़ते) से बचाया है. बैंक ऑफ जापान ने अर्थव्यवस्था में नकदी की कमी ना हो और आर्थिक विकास पर भी बुरा असर ना पड़े, इसका पूरा ध्यान रखा है. बीओजे ने नकारात्मक ब्याज दर नीति (जिसमें आपको बैकों में आपने पैसे रखने पर ब्याज नहीं मिलता है) को भी लागू किया है ताकि उधार देने की लागत लंबे समय तक ना बढ़े.

कुरोडा ने कहा कि मंहगाई को काबू करने के साथ व्यवसाय को कैसे आगे बढ़ाना है और इसके लिए जो पारंपरिक रणनीति का इस्तेमाल होता है, उसे हम अच्छे से समझते हैं. लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि बैंक ने जो अपरंपरागत तरीके अपनाए हैं, उनके अप्रत्याशित परिणाम भी सामने आ सकते हैं.

कुरोडा के मुताबिक विकास के लिए उठाए जाने वाले कदमों के लिहाज से सेंट्रल बैंक की भी सीमाएं होती हैं. खासतौर पर तब जब देश का कर्ज बढ़ रहा हो और उपभोक्ताओं की मांग नहीं बढ़ रही हो. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह श्रम और अन्य सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाएं ताकि विकास और तेजी से हो सके और सरकार मंहगाई दर का 2 प्रतिशत का लक्ष्य भी पूरा कर सके.

japanischer Zentralbankchef Haruhiko Kuroda
तस्वीर: Reuters/Ruben Sprich

कई साल पहले जापान की आबादी घटनी शुरू हुई. अब तेजी से आबादी का बड़ा हिस्सा उम्रदराज हो रहा है. इसकी वजह से कंपनिया जापान में निवेश भी नहीं कर रही हैं और नए रोजगार भी पैदा नहीं हो पा रहे हैं. कंपनियां उन देशों पर ध्यान दे रही हैं जो तेजी से बढ़ रहे हैं. कुरोडा के मुताबिक इस बुजुर्ग आबादी की वजह से कई उत्पादों और सेवाओं की मांग भी बढ़ी है, यानि आर्थिक गतिविधियों के नए अवसर भी सामने आ रहे हैं.

जापान के 78 वर्षीय वित्त मंत्री, तारो एसो ने कहा कि "आप मेरा उदाहरण ले सकते हैं. जापान में कई बुजुर्ग स्वस्थ हैं और अपने जीवन में बहुत लंबे समय तक काम करते हैं. जिसकी वजह से कई नये मौके मिलते हैं."

वहीं गवर्नर हरुहिको कुरोडा ने ये भी कहा कि सबसे बड़ी चुनौती ये है कि बुजुर्ग आबादी का ख्याल कैसे रखा जाए, खासतौर पर तब जब काम करने वालों की संख्या और कम होने वाली हैं.

उन्होंने कहा कि इसकी वजह से सरकार पर ज्यादा बोझ पड़ेगा क्योंकि लोगों की देखभाल के लिए और पेंशन के लिए सरकार को और पैसा देना होगा. लोग अपने भविष के लिए ज्यादा पैसा बचाएंगे और इसकी वजह से विकास पर बुरा असर पड़ेगा.

कुरोडा ने जोर देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में सामाजिक सुरक्षा को और मजबूत करना होगा. वित्तीय प्रणाली को और बेहतर बनाना होगा जिसके साथ इनोवेशन और उत्पादन को भी बढ़ाना पड़ेगा. अगर लोग ऐसे ही निराश रहे तो भविष्य के साथ वर्तमान भी मुश्किल में पड़ जाएगा. लोग अभी के निवेश और उपभोग के तरीकों से निराश होकर पैसे नहीं खर्च कर रहे हैं और इससे भविष्य में और बड़ी मुश्किल हो सकती है.

एनआर/ओएसजे (एपी)