बीमारों के अंग काट देते हैं लोग
अल्बीनो होना कोई जानलेवा बीमारी नहीं, लेकिन तंजानिया में इसके कारण कई लोगों की जान जाती है. लोग अंधविश्वास के कारण अल्बीनो लोगों के अंग काट लेते हैं. ऐसी घटना के शिकार हुए कई बच्चे अमेरिका से नये अंग लेकर वापस लौटे हैं.
लौटी मुस्कान
इमानुएल रुतेमा की मुस्कान नहीं रुक रही, जब से उसे नया कृत्रिम हाथ मिला है. रुतेमा उन चार तंजानियाई बच्चों में से एक है, जिन पर हमला कर लोगों ने उनके हाथ काट लिये थे.
अमेरिकी मदद
फिलाडेल्फिया के श्राइनर्स हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रेन में इन बच्चों को मिले नये अंगों की मदद से वे फिर से अपने रोजमर्रा के काम दूसरे बच्चों की तरह करने की कोशिश करने लगे हैं.
कैसे खोया अंग
17 साल के हो चुके रूतेमा को बोलने में तकलीफ है. वो बताता है कि उस पर हमला करने वाले ने उसका एक हाथ और दूसरे हाथ की एक उंगली काट ली और फिर उसकी जीभ और दांत भी निकालने लगा.
अंधविश्वासियों में मांग
इनमें से ज्यादातर बच्चों पर हमला कर उनके हाथ काट लिये गये थे. पूर्वी अफ्रीका के तंजानिया में अल्बीनो लोग डर के साये में जीते हैं. हमलावर उनके अंग काट लेते हैं और जादू टोना मानने वालों को ऊंची कीमतों पर बेचते हैं.
अज्ञानता है दुश्मन
तंजानिया में इस बीमारी को समझने के बजाय लोग बीमार लोगों को भूत या बदकिस्मती का प्रतीक मानते हैं. यह एक जन्मजात विकार है जिसमें त्वचा, बालों और आंखों में रंग देने वाले पिगमेंट नहीं पाये जाते.
कहां होता है अल्बीनिज्म
दुनिया में हर 20,000 में से एक व्यक्ति इससे प्रभावित होता है. लेकिन उप-सहारा अफ्रीका में यह ज्यादा आम है. तंजानिया में तो हर 1,400 में एक व्यक्ति की त्वचा, बालों या आंखों में रंग गायब होता है.
कैसे रहें सुरक्षित
न्यूयॉर्क की एक चैरिटी संस्था ग्लोबल मेडिकल रिलीफ फंड की मदद से इन बच्चों को अमेरिका से नये अंग मिले हैं. तंजानिया में वे सेफ हाउस में रखे जाते हैं. अंधविश्वास मिटा कर ही अल्बीनो लोगों को बचाया जा सकता है.
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