बीएचयू में लाठीचार्ज से घिरी बीजेपी
२४ सितम्बर २०१७शनिवार देर रात हुए हंगामे और पुलिस कार्रवाई के बीच छात्र-छात्राएं अब भी आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच यूनिवर्सिटी को 2 अक्टूबर तक के लिए बंद कर दिया गया है. बीएचयू में बढ़ते तनाव से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार बीएचयू में पढ़ने वाली लड़कियां कैंपस में हो रही छेड़छाड़ के मामलों के खिलाफ दो दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहीं थीं. लड़कियों की मांग थी कि कुलपति उनसे आकर उनकी परेशानियां सुनें. लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो वह कुलपति के घर जाने लगी जिसके बाद यूनिवर्सिटी गार्डों से उनकी झड़प हुई और इसके बाद पथराव हुआ.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मसले पर संज्ञान लेते हुए डिविजनल कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी है. वहीं समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दल यूनिवर्सिटी परिसर में हुई लाठीचार्ज और पुलिस कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस लाठीचार्ज में छात्राओं समेत दो महिला पत्रकार भी घायल हुई हैं. वहीं पुलिस सूत्रों ने बताया कि छात्रों की ओर से की गई आगजनी में पुलिस बल के कुछ जवान भी घायल हुए हैं.
सोशल मीडिया में भी बीजेपी और मोदी सरकार की जमकर खिंचाई हो रही है. सोशल मीडिया में मोदी सरकार के बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ कार्यक्रम पर सवाल दागे जा रहे हैं. टि्वटर पर बीएचयू लाठीचार्ज ट्रेंड कर रहा है.
कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में लिखा है, "प्रधानमंत्री से अधिकार व सुरक्षा की मांग कर रहे बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं पर पुलिस ने लाठियां भांजी, क्या यही है बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ?
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा है कि सरकार को बल से नहीं बातचीत से हल निकालना चाहिए.
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने लाठीचार्ज पर पुलिस को आड़े हाथों लिया है और सरकार से बेटी बचाने की अपील की है.
सीपीएम के नेता सीताराम युचेरी ने अपने ट्वीट में सरकार से पूछा है कि क्यों बीजेपी और आरएसएस छात्रों से इतना खौफ खाते हैं.
समाजवादी पार्टी की यूथ ब्रिगेड से जु़ड़ी प्रियंका सिंह यादव ने ट्वीट किया है, "इतिहास गवाह है! जब जब महिलाओं पर अत्याचार हुआ है, तब तब रामायण और महाभारत हुआ है #BHU_लाठीचार्ज "
आम लड़कियों ने भी देश में चल रहे देवी पूजन पर भी सवाल उठाते हुए प्रशासन पर सीधे निशाना साधा है.
प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री बनारस में ही थे लेकिन उनकी ओर से किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया न आना भी लोगों के गुस्से को बढ़ा रहा है. लोगों ने ट्वीट करते हुए हुए एसे बेहद ही शर्मनाक कहा है.
नवरात्रि के बाद पूरे भारत में दशहरा मनाया जाएगा इसलिए लोगों ने इसे लड़कियों की अपने हक की लड़ाई का भी नाम दिया है.