बिहार में पुलिसकर्मियों का बचाव अभियान तेज़
३ सितम्बर २०१०माओवादियों ने गुरुवार को दावा किया था कि उन्होंने एक अपहृत पुलिसकर्मी को मार दिया है. जंगल में एक लाश भी बरामद हुई लेकिन पुलिस का कहना है कि ये शव उनके सब-इंस्पेक्टर अभय यादव का नहीं है. माओवादियों ने धमकी दी कि शुक्रवार सुबह 10 बजे तक तीनों पुलिसकर्मियों को मार देंगे. सुरक्षा बलों ने इन तीन अगवा पुलिसकर्मियों को ढूंढने का अभियान तेज कर दिया है.
नक्सल विरोधी अभियान के महानिरीक्षक केएस द्विवेदी ने कहा, "सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन, बीएमपी, एसटीएफ और बिहार पुलिस की एसएपी ने तीनों पुलिसकर्मियों को बचाने और माओवादियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है."
रविवार को इन तीनों पुलिसकर्मियों को मुठभेड़ के दौरान माओवादियों ने पकड़ लिया. द्विवेदी ने जानकारी दी कि बीएसएफ के हेलीकॉप्टर भी इस अभियान में जुटे हुए हैं और पहाड़ी इलाके में नक्सलियों को ढूंढने में मदद कर रहे हैं.
स्थानीय मीडिया में कहा जा रहा है कि अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि जंगल में मिला शव सब-इंस्पेक्टर का नहीं है. इस शव के साथ माओवादियों का लिखा एक नोट भी मिला बताया जाता है. गुरुवार शाम माओवादियों के प्रवक्ता ने दावा किया था कि उन्होंने अगवा किए एक पुलिसकर्मी को मार दिया है, लेकिन अधिकारी इस दावे को गलत मान रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार