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बिहार में ट्रेन डकैती और लूटपाट

६ अगस्त २०१०

डकैतों ने बिहार के कियूल ट्रेन स्टेशन के पास लाल किला एक्सप्रेस में घुस कर डाका डाला. उन्होंने एसी और स्लिपर के मुसाफिरों को लूटा और विरोध करने वालों की पिटाई कर दी. ढाई लाख रुपये का माल लुट गया, 21 लोग घायल हो गए.

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असुरक्षित होता रेल सफरतस्वीर: AP

पश्चिम बंगाल के सियालदह से नई दिल्ली जा रही लाल किला एक्सप्रेस को बिहार के लखीसराय के पास लूट लिया गया. बताया जा रहा है कि लगभग 50 लुटेरे ट्रेन में सवार हो गए और उन्होंने एसी और स्लिपर डिब्बों में भलुई हॉल्ट के पास लूट पाट की. इस दौरान कम से कम 21 लोग घायल हो गए.

गुस्साए मुसाफिरों ने इसके बाद कियूल स्टेशन पर नारेबाजी की और स्टेशन मास्टर के दफ्तर में तोड़ फोड़ की. यात्रियों में ज्यादातर कांवड़िए हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर दी गई है. इसके मुताबिक जमुई रेलवे स्टेशन के पास लुटेरे ट्रेन में सवार हो गए और उन्होंने दो डिब्बों में मुसाफिरों को लूटना शुरू कर दिया. वे नकदी के अलावा मोबाइल फोन और जेवर भी लूटने लगे.

ट्रेन में सवार जीआरपी के निहत्थे जवानों ने जब इसका विरोध करने की कोशिश की तो लुटेरों ने गोली चला दी. गोलीबारी में एक जवान बुरी तरह घायल हो गया. उसे पास के अस्पताल में दाखिल किया गया है. ट्रेन जब कियूल स्टेशन पर पहुंची, तो गुस्साए यात्रियों ने तोड़ फोड़ की और दावा किया कि ट्रेन में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं दिखा.

बिहार सरकार ने सुरक्षा की कमी से इनकार किया है. हालांकि उसका कहना है कि ट्रेन में मौजूद एस्कॉर्ट पार्टी के पास हथियार नहीं थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः वी कुमार