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बिनायक सेन की सजा के खिलाफ लंदन में प्रदर्शन

२७ जनवरी २०११

बुधवार को लंदन में भारतीय उच्चायुक्त के सामने एक प्रदर्शन हुआ. यह प्रदर्शन मानवाधिकार कार्यकर्ता बिनायक सेन को भारतीय अदालत में सुनाई गई उम्र कैद की सजा के विरोध में हुआ.

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तस्वीर: DW

बिनायक सेन एक डॉक्टर हैं. लंदन में हुए प्रदर्शन में डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हुए. इन सभी ने अपने हाथों में तख्तियां पकड़ी हुई थीं जिन पर बिनायक सेन की सजा का विरोध करते नारे लिखे गए थे. इन तख्तियों पर लिखे नारे कह रहे थे कि बिनायक सेन पर लगे आरोप निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं. प्रदर्शनकारियों ने बिनायक सेन को फौरन रिहा करने की मांग की.

Dr. Binayak Sen
डॉ. बिनायक सेनतस्वीर: AP

डॉ. सेन एक सामुदायिक डॉक्टर हैं. वह छत्तीसगढ़ में खदान मजदूरों और स्थानीय आदिवासियों के बीच काम कर रहे थे. उन्होंने कई साल तक जंगलों में जाकर गरीब लोगों का इलाज किया. हालांकि राज्य सरकार ने उन पर नक्सलियों की मदद का आरोप लगाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. डॉ. सेन पर मुकदमा चलाया गया जिसमें छत्तीसगढ़ की स्थानीय अदालत ने उन्हें राजद्रोह के आरोप में दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनाई.

बिनायक सेन फिलहाल इस सजा के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे हैं. भारत में भी उनके समर्थन में कई जगह प्रदर्शन हो चुके हैं.

लंदन में प्रदर्शन करने वालों ने अपने अभियान को बिनायक सेन को फौरन रिहा करो (रिलीज बिनायक सेन नाउ) नाम दिया है. प्रदर्शनकारियों ने उम्मीद जताई कि वे 30 जनवरी को ताविस्तक चौराहे पर लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने जमा होंगे और प्रार्थना करेंगे. हालांकि उन्हें अब तक इस प्रार्थना सभा की इजाजत नहीं मिली है. 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्य तिथि है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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