बिखरी हुई जिंदगी
हैयान तूफान के कारण फिलीपींस में 10000 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका है. भारी विनाश के बाद राहत एजेंसियां किसी तरह लोगों तक मदद पहुंचाने की कोशिश में हैं.
बदहवासी
हैयान तूफान फिलीपींस में बर्बादी का बुरा मंजर छोड़ गया है. सड़कें टूटी, लाइट नहीं. मोबाइल से कभी कभी उम्मीद की घंटी आती है लेकिन कुछ ही देर में संपर्क फिर टूट जाता है. स्थानीय प्रशासन असहाय महसूस कर रहा है. लोग जैसे तैसे जीने की व्यवस्थाएं जुटा रह रहे हैं.
खाने पीने की चीजों की कमी
शुक्रवार को आया तूफान हैयान लेयते और समर द्वीप सहित कई इलाकों से जिंदगी समेट कर ले गया. खाने और साफ पानी की भारी कमी है. लोग दुकानों में जरूरी सामान ढूंढ रहे हैं और नहीं मिलने पर लूट रहे हैं. ताकलोबान में भी हालात खराब हैं.
लूटपाट की चिंता
भारी बारिश में लोग जैसे तैसे अपना सामान बचाने की कोशिश कर रहे हैं और पड़ोसियों का भी. लेयते में राहत सामग्री वाले एक ट्रक को रोक कर लूट लिया गया. इसमें पांच हजार परिवारों के लिए सामान था.
दुकानों में भीड़
अफरातफरी में लोगों ने दुकान के बैरिकेड तोड़ दिए. ताकलोबान में जिंदगी जुटाने के संघर्ष में लोग किसी भी हद तक जा रहे हैं. सिर्फ खाने की दुकानों को ही नहीं बल्कि एटीएम की मशीनें भी तोड़ने की कोशिशें की गईं हैं.
हवा से राहत
पहली राहत सामग्री पहुंच रही है. फिलीपींस वायु सेना पैने द्वीप के अलग थलग पड़े लोगों तक सामान पहुंचा रही है. तूफान के बाद तेज बारिश के कारण अब भी कई हिस्से कटे हुए हैं.
जर्मनी से कंबल
दुनिया भर से राहत सामग्री फिलीपींस पहुंच रही है. यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने तुरंत राहत सामग्री और आर्थिक मदद भेजने की घोषणा की. विश्व खाद्य कार्यक्रम 40 टन खाना भेज रहा है. जर्मनी और वर्ल्ड विजन संगठन ने कंबल और टेंट भेजे हैं.
दर बदर
कई गांव पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं, लोगों के पास घर छोड़ कर जाने के लिए अलावा कोई चारा नहीं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आठ लाख लोग सब कुछ छोड़ आपात राहत केंद्रों में पहुंचे हैं. 40 लाख हैयान से प्रभावित हैं.
भगवान के घर में
चर्च में कपड़े सूखने के लिए लटके हुए हैं. दो बच्चे वहां बैठे हुए हैं. कई लोग तूफान और बारिश से बचने चर्च पहुंचे. 80 फीसदी फिलीपींस निवासी कैथोलिक हैं. तूफान से प्रभावित लेयते प्रांत देश के सबसे गरीब इलाकों में शामिल है.
दुनिया भर से मदद
चर्च में एक पोस्टर के जरिए शरणार्थियों की मदद की गुहार. जर्मनी के अलावा न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने मदद भेजी है. जर्मनी के इंटरनेशनल सर्च एंड रेस्क्यू, आईएसएआर ने दर्जनों डॉक्टरों और राहतकर्मियों को भेजा है.
बह गए जहाज
मालवाहक जहाज भी लूटे जा रहे हैं. कई मीटर ऊंची लहरों के कारण ये बड़े जहाज ताकलोबान में बह कर जमीन पर पहुंच गए. इसमें काफी सामान हैं. टूटे हुए बंदरगाह, हवाई अड्डे और रास्ते राहत में सबसे बड़ी अड़चन हैं.