बाल मजदूरी में सबसे आगे हैं ये देश
तमाम कानून और नियमों के बावजूद बाल मजूदरी आज भी कई मुल्कों में बड़ी समस्या बनी हुई है. वैश्विक जोखिमों जैसे विषयों पर शोध करने वाली लंदन की रिसर्च कंपनी वेरस्कि मेपलक्रोफ्ट ने ऐसे देशों की एक सूची जारी की है
1. उत्तर कोरिया
इस सूचकांक में जिन 27 देशों को बाल श्रम के लिहाज से अत्याधिक जोखिम वाला बताया गया है उसमें सबसे पहले एशियाई देश उत्तर कोरिया का नंबर आता है.
2. सोमालिया
साल 2018 के आंकड़ों के मुताबिक अफ्रीकी देश सोमालिया में पांच से चौदह साल के तकरीबन 38 फीसदी बच्चे बतौर बाल श्रमिक काम कर रहे हैं. निर्माण और खनन कार्य में इनसे सबसे ज्यादा काम लिया जाता है.
3. दक्षिण सूडान
पांच साल तक गृह युद्ध झेलने वाले दक्षिणी सूडान में बच्चे खनन और निर्माण कार्य के साथ-साथ देह व्यापार में जाने को मजबूर हैं. बाल श्रम रोकने के लिए देश में श्रम कानून 2017 लाया गया लेकिन अब भी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है.
4. इरीट्रिया
अफ्रीकी देश इरीट्रिया में बच्चे कृषि के साथ साथ सोने के खनन में भी झोंक दिए जाते हैं. इसके अलावा बच्चों की तस्करी भी यहां की बड़ी समस्या है.
5. मध्य अफ्रीकी गणराज्य
हिंसाग्रस्त अफ्रीकी इलाकों में बच्चों को गैर सरकारी हथियारबंद गुट भी बतौर चाइल्ड कमांडों भर्ती किए जाते हैं. इस पर संयुक्त राष्ट्र भी कई बार चिंता जता चुका है लेकिन अब तक जमीन पर कुछ भी ठोस नहीं हुआ है.
6. सूडान
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन के आंकड़ों के मुताबिक सूडान में तकरीबन 47 फीसदी बच्चे जोखिम भरे काम करने को मजबूर हैं. ग्रामीण इलाकों में करीब 13 फीसदी बच्चे कुल श्रम बल का हिस्सा हैं, वहीं शहरों में यह औसत करीब पांच फीसदी है.
7. वेनेजुएला
दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में अधिकतर बच्चे घरेलू काम और देह व्यापार में झोंक दिए जाते हैं. वेनेजुएला से हर साल हजारों बच्चों की तस्करी कर उन्हें कोलंबिया भी भेजा जाता है और उनसे बतौर सेक्स वर्कर काम लिया जाता है.
8. पापुआ न्यू गिनी
एशिया-प्रशांत में बसे इस द्वीप में भी बच्चों को सेक्स कारोबार में लगा दिया जाता है. हालांकि स्थिति में बेहतरी के लिए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से नेशनल एक्शन प्लान टू एलीमिनेट चाइल्ड लेबर भी लॉन्च किया लेकिन अब तक कोई खास सफलता नहीं मिली.
9. चाड
पिछली रिपोर्टों के मुताबिक चाड में अधिकतर बच्चों को कृषि कार्य में लगाया जाता है. हालांकि यहां बड़ी संख्या में बच्चों की खरीद-फरोख्त भी इसलिए होती है ताकि उन्हें तेल उत्पादन के कार्यों में लगाया जा सके.
10. मोजाम्बिक
मोजाम्बिक के श्रम मंत्रालय ने साल 2017 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि देश में सात से 17 साल के करीब दस लाख बच्चे बतौर बाल श्रमिक काम करने को मजबूर हैं. रिपोर्ट में कहा गया था कि बच्चों को ट्रांसपोर्ट, खनन, कृषि कार्य के साथ-साथ सेक्स कारोबार में भी धकेला जाता है.
भारत और चीन ने अपनी स्थिति में कुछ सुधार जरूर किया है. बाल श्रम सूचकांक (चाइल्ड लेबर इंडेक्स) में 198 देशों को शामिल किया गया है. सूची में भारत का 47वां स्थान है. वहीं चीन को 98वें स्थान पर रखा गया है. अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन के मुताबिक दुनिया भर में तकरीबन 15 करोड़ बच्चे बतौर बाल मजूदर काम कर रहे हैं.