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बाबरी सुनवाई से जज ने किया खुद को अलग

आरपी/एमजे (पीटीआई)१० मार्च २०१६

बाबरी मस्जिद को ढहाए जाने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर बहुत सी नजरें लगी थीं. लेकिन ऐन मौके पर इस मामले की सुनवाई के लिए बनी सुप्रीम कोर्ट बेंच के प्रमुख जस्टिस गौड़ा ने खुद को किया अलग.

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Bildergalerie 20 Jahre nach dem Herabreißen der Babri-Moschee
तस्वीर: AFP/Getty Images

6 दिसंबर 1992 के बाबरी विध्वंस कांड में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कुछ अन्य बीजेपी और वीएचपी नेताओं के खिलाफ लगे आपराधिक षड़यंत्र रचने के आरोप हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई करनी थी. जस्टिस वी गोपाला गौड़ा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में जस्टिस अरुण मिश्रा भी हैं. लेकिन 10 मार्च को सुनवाई के ठीक पहले ही जस्टिस गौड़ा ने बिना कोई कारण बताए खुद को इस सुनवाई से अलग कर लिया. जस्टिस गौड़ा ने कहा कि "इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाना चाहिए".

सुप्रीम कोर्ट में यह अपील दर्ज कराने वाले हाजी महबूब अहमद ने बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर इन 16 लोगों के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 120बी (आपराधिक षड़यंत्र) के मामले को रद्द करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को चुनौती दी थी.

सितंबर 2005 में सीबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय को कहा था कि उन्होंने अपना काम बिना किसी के प्रभाव में आए किया. इसके पहले सर्वोच्च न्यायालय ने आडवाणी, जोशी, उमा भारती और 16 अन्य लोगों से अहमद की याचिका पर उत्तर देने को कहा था. इनमें बीजेपी नेताओं आडवाणी, जोशी और भारती के अलावा हिमाचल प्रदेश के गवर्नर कल्याण सिंह भी थे. आरोपियों में शामिल शिव सेना सुप्रीमो बाल ठाकरे और विश्व हिंदू परिषद नेता गिरिराज किशोर का अब देहांत हो चुका है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मई 2010 में इन नेताओं से आरोप हटाने का आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई की रिवीजन याचिका में मई 2001 के मुकाबले कोई मेरिट नहीं है. हालांकि उस समय भी हाई कोर्ट ने सीबीआई को आडवाणी समेत कुछ अन्य नेताओं से जुड़े एक अन्य मामले की कार्रवाई आगे बढ़ाने को कहा था, जो कि रायबरेली कोर्ट के न्यायिक क्षेत्र में पड़ता है.

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बाबरी विध्वंस कांड में आडवाणी समेत कई बीजेपी नेताओं पर आरोप.तस्वीर: AFP/Getty Images

पहला मामला पूर्व गृह मंत्री आडवाणी और उन दूसरे लोगों के खिलाफ है जो 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में राम कथा कुंज के मंच पर थे. दूसरा मामला ऐसे लाखों अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ है जो बाबरी मस्जिद ढाहे जाने के समय उस विवादित स्थल के आसपास थे.

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विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने के वायदे करती आई है बीजेपी.तस्वीर: picture-alliance/dpa

सीबीआई ने आडवाणी और 20 अन्य लोगों के विरूद्ध आईपीसी के सेक्शन 153ए (वर्गों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 153बी (अभ्यारोप, राष्ट्रीय एकता के प्रतिकूल कथनों) और 505 (बगावत करवाने या सार्वजनिक शांति भंग करने के मकसद से झूठे बयान, अफवाहें फैलाने) के अंतर्गत आरोप तय किए थे.