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बाबरी विध्वंस की 18वीं बरसी

६ दिसम्बर २०१०

अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने की आज अठारहवीं बरसी है. अयोध्या समेत पूरे प्रदेश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. राज्य सरकार ने किसी तरह की रैली या जुलूस निकालने पर पाबंदी लगा दी है.

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तस्वीर: AP

राज्य सरकार के इस आदेश के बाद प्रदेश भर में ना तो कोई शोक दिवस मनाया जाएगा ना ही कोई शौर्य दिवस. अयोध्या और फैजाबाद में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा के लिहाज से राज्य के तेरह शहरों को संवेदनशील मानते हुए वहां अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. अयोध्या में रैपिड एक्शन फोर्स की 10 और पीएसी की 20 कंपनियां तैनात की गई हैं. इसके अलावा रिजर्व पुलिस बल को भी तैयार रहने के आदेश दे दिए गए हैं. अयोध्या में पुलिस ने फ्लैग मार्च कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

Polizeikräfte in Lucknow
राज्य भर में सुरक्षा सख्ततस्वीर: UNI

खासतौर पर अयोध्या और फैजाबाद में पुलिस की चप्पे चप्पे पर तैनाती की गई है. किसी भी तरह की रैली या जुलूस निकालने पर पहले ही पाबंदी लगा दी गई है. कहीं कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियां खास एहतियात बरत रही हैं. सामाजिक संगठनों ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है. अयोध्या के विवाद से जुड़े रहे दो प्रमुख संगठनों विश्व हिंदु परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने इस मौके पर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने का फैसला किया है.

लंबे समय से बाबरी मस्जिद और रामजन्मभूमि का मसला अयोध्या के लिए परेशानी का सबब रहा है. आंदोलनों की आंच यहां की रोजमर्रा की जिंदगी मुश्किल बना देती है. पर अब पिछले कुछ सालों से विवाद की आंच धीमी पड़ने से लोग थोड़ी राहत में है. यहां रहने वाले लोग बस यही चाहते हैं कि किसी तरह शहर की शांति बनी रहे और यहां कर्फ्यू जैसे हालात पैदा न हो. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कई दशकों से चले आ रहे मुकदमे की सुनवाई के बाद कुछ ही महीने पहले सुनाए अपने ऐतिहासिक फैसले में विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने के निर्देश दिए. अब फैसले के खिलाफ संबंधित पक्षों के सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद ये मामला दिल्ली पहुंच गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः आभा एम

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