बाढ़ से उबरती जिंदगी
भयानक बाढ़ से जूझ रहे जम्मू कश्मीर में अब हालात सामान्य हो रहे हैं. अब तक बचाव कर्मियों ने दो लाख 26 हजार लोगों को बचा लिया गया है. लेकिन अब भी लोगों को इस सदमे से उबरने में काफी वक्त लगेगा.
राहत कैंप
जम्मू कश्मीर में सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ के जवानों ने दिन रात एक कर राहत और बचाव का काम चलाया. बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालकर रिलीफ कैंपों में रखने का सिलसिला जारी है.
बीमारियों का डर
जम्मू कश्मीर में बाढ़ का पानी अब घटना शुरू हो गया है लेकिन इसके साथ ही दूषित पानी से फैलने वाली बीमारियों के होने की आशंका भी बढ़ गई है. यही वजह है कि साफ पानी की मांग बढ़ गई है. रोजाना चार लाख लीटर पानी साफ करने में सक्षम 20 आरओ हैदराबाद से श्रीनगर पहुंचाए जा रहे हैं.
युद्धस्तर पर उड़ान
सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों और विमानों ने अब तक 2,451 उडानें भरी हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में वायुसेना ने 3,435 टन राहत सामग्री गिराई है. सेना की 224 और एनडीआरएफ की 148 नावें राहत कामों में जुटी हैं.
रेल सेवा बहाल
विनाशकारी बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त रेल लाइन को दुरुस्त कर लिया गया है और सोमवार से बारामूला-श्रीनगर-बनिहाल मार्ग पर आंशिक रूप से यातायात बहाल हो गया है. जम्मू की तावी नदी पर सेना के अस्थायी पुल से गुजरती गाड़ियां.
सरकार से नाराज
बाढ़ की चपेट में आए गुस्साए कई लोगों ने विरोध जताते हुए राहत सामग्री गटर में डाल दी. लोगों का आरोप है कि सरकार ने राहत पहुंचाने में देरी की.
हर तरफ तबाही
बाढ़ को आए दस दिन से ज्यादा हो गए हैं लेकिन तबाही के निशान अब भी देखे जा सकते हैं. भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने कई घरों को तबाह कर दिया है.
बह गया सबकुछ
श्रीनगर की सड़क पर बहता कंप्यूटर मॉनिटर और सीपीयू. करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोग अब भी बाढ़ में फंसे हुए हैं.