बांग्लादेश ने टॉस जीता, बल्लेबाज़ी का फैसला
१६ जून २०१०पिछली दो करारी हार के बाद टीम इंडिया के लिए ये एक नया मौका है खुद को मजबूती से खड़ा करने का.
टीम इंडिया के सीनियर और अनुभवी खिलाड़ी भले ही टीम में लौट आए हों. लेकिन ट्राई सीरीज में ज़िम्बाब्वे से हार ने भारत को कई कड़वी सच्चाइयों से रूबरू करवा दिया है और कई बड़ी खामियों के साथ सच्चाई के धरातल पर ला पटका है.
टीम इंडिया में भले ही स्टार खिलाड़ी मौजूद हों लेकिन उसे एक टीम की तरह खेलना है. कप्तान धोनी को वरिष्ठ खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है.
उधर ज़हीर खान से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है. दो झटकों और हार का दबाव टीम इंडिया के लिए नया है. अब वर्ल्ड कप तक टीम इंडिया में प्रयोग चलते रहेंगे. लेकिन इसमें हार का नमक न ही बढ़े तो अच्छा होगा.
खिलाड़ियों की आपसी कैमिस्ट्री और जीतने की इच्छा सबसे ज़्यादा मायने रखती है.
टीम इंडिया की कोशिश एशिया कप में 15 साल बाद फाइनल जीतने की तो है ही लेकिन उसे बांग्लादेश के साथ भी संभल कर खेलना होगा क्योंकि वह टीम सरप्राइज़ दे सकती है.
दांबुला की पिच वैसे भी गेंदबाज़ों के लिए अच्छी पिच मानी जाती है लेकिन भारत की ताकत फिलहाल उसके बल्लेबाज़ हैं. ऐसे में गेंदबाज़ों के धारदार प्रदर्शन की उम्मीद पर मैच काफी हद तक टिका होगा.
टीम इंडिया
महेन्द्र सिंह धोनी(कप्तान), विरेन्द्र सहवाग, आर अश्विन, एबी डिंडा, हरभजन सिंह, आरए जडेजा, ज़हीर ख़ान, विरेन्द्र कोहली, पी कुमार, ए नेहरा, पीपी ओझा, एस के रैना, आरजी शर्मा, एसएस तिवारी
बांग्लादेश की टीम
शकीब अल हसन, मुश्फिकुर रहीम, अब्दुर रज़्जाक, इमरुल कायस, जहुरुल इस्लाम, जुनैद सिद्दीक, महमदुल्ला, सुहरावदी शुवो, सैयद रासेल, तमीम इकबाल
रिपोर्टः आभा मोंढे
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य