बांग्लादेश, चीन और जापान की झोली में मैगसेसे
३ अगस्त २०१०फिलीपींस की राजधानी मनीला में 2010 के रेमन मैगसेसे पुरस्कार सात लोगों को दिए गए. दुनिया भर में घूमकर परमाणु हथियारों का विरोध करने वाले जापानी कार्यकर्ता तादातोशी अकिबा को दृढ़संकल्प से नेतृत्व करने और अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाने के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अकिबा 1960 में छात्र थे और तब से परमाणु हथियारों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. वह तीसरी बार हिरोशिमा के मेयर चुने जा चुके हैं. जापान के शहर हिरोशिमा पर 1945 में अमेरिका ने परमाणु बम गिराया था.
विज्ञान, देश और गरीबों के प्रति वचनबद्धता से काम करने के लिए फिलीपींस के एक शिक्षक दंपत्ति को मैगसेसे मिला. क्रिस्टोफर बेरनिडो और उनकी पत्नी मारिया विक्टोरिया ने गरीबों को विज्ञान और नई तकनीक की शिक्षा दी. दोनों ने गरीब बच्चों को नए आविष्कार करने के लिए भी बढ़ावा दिया.
चीन की झोली में दो पुरस्कार आए. चीन की हुआई नदी को बचाने के लिए पत्रकार हुओ दाइशन को सम्मानित किया गया. दाइशन ने बिना स्वार्थ के नदी को बचाने की जी तोड़ कोशिश की. उनकी मेहनत से करोड़ों लोगों की जिंदगी पर अच्छा प्रभाव पड़ा. चीन के अधिकारी पान युए और फु किपिंग को पर्यावरण बचाने के लिए पुरस्कृत किया गया. आयोजकों ने कहा, ''इन दोनों ने साबित कर दिया कि सरकारी पदों पर रहते हुए भी कैसे पर्यावरण और लोगों की बेहतरी के लिए वकालत की जा सकती है.''
विकलांगों की या यूं कहें मानवता की मदद करने के लिए मैगसेसे पुरस्कार बांग्लादेश के एएचएम नोमान खान को दिया गया. आयोजकों के मुताबिक, ''खान के नेतृत्व में विकलांग समाज की मुख्यधारा में आए. अब ऐसे लोग हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं, एक ऐसा समाज तैयार हो रहा है, जिसमें सच में विकलांगों के लिए कोई बाधा नहीं है.''
भारत की झोली में इस बार कोई पुरस्कार नहीं आया. बीते बरसों में अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, पी साईनाथ, मंदाकिनी और प्रकाश आमटे को मैगसेसे पुरस्कार मिला था. बेहद सम्मानित माने जाने वाले मैगसेसे पुरस्कारों की शुरूआत 1957 से हुई. फिलीपींस के बेहद लोकप्रिय राष्ट्रपति रेमन मैगसेस की एक विमान दुर्घटना में मौत के बाद से यह पुरस्कार दिए जा रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा एम