बर्लिन में फिल्म बनाने के 7 फायदे
हॉलीवुड को भूलिए, जर्मन राजधानी में आइए. हम आपको बताते हैं कि बर्लिन में फिल्म बनाने के क्या सात फायदे हैं.
पेड़ पर उगते पैसे
मतलब लगभग उसी की तरह. जर्मन सरकार फिल्मों के लिए खुले दिल से पैसे खर्च करती है. पिछले साल फिल्मों की मदद के लिए तीन करोड़ यूरो दिए गए. ये पैसे सिर्फ प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन में नहीं, बल्कि केटरिंग, मेकअप और होटलों में भी गए. और लगता है कि पैसों का सही इस्तेमाल हुआ. 339 फिल्में बनीं और इनसे 13.4 करोड़ यूरो का राजस्व मिला.
अलग तरह के आइडिया
सिर्फ कला फिल्मों में ही नहीं, बल्कि दूसरी फिल्मों के लिए भी सरकार पैसे देती है. पिछले साल बर्लिन ब्रांडनबुर्ग मीडिया बोर्ड ने सात फिल्में बनाने में मदद की और ये सभी ब्लॉकबस्टर रहीं.
संसाधनों का विश्व
बर्लिन की दीवार गिरने के बाद से यहां दुनिया भर के क्रिएटिव लोग पहुंच रहे हैं. इसका मतलब कि प्रोडक्शन हाउसों को कैमरामैन और दूसरे संसाधनों के लिए दूर नहीं जाना पड़ता है. इसके अलावा शहरी अधिकारी भी फिल्मों का परमिट जारी करने में सहयोग करते हैं.
अच्छे लोकेशन की भरमार
बर्लिन में बहुत सी अच्छी लोकेशन हैं, जो नाजी काल और शीत युद्ध की कहानियों में फिट बैठती हैं. बस ज्यादा से ज्यादा खिड़कियों की सजावट बदलनी पड़ती है. यह तस्वीर वालकीरी फिल्म की है, जिसमें हिटलर पर कातिलाना हमले को फिल्माया गया है. इसे कई ऑरिजनल जगहों पर शूट किया गया.
हॉलीवुड की पसंद
हाल के दिनों में इनग्लोरियस बास्टर्ड्स या मान्यूमेंट्स मेन जैसी फिल्मों में बर्लिन को खास पहचान मिली. इसके बाद यह हॉलीवुड की पसंदीदा जगहों में शामिल हो गया है.
लंबी परंपरा
सिनेमा में बर्लिन की लंबे वक्त से दक्षता रही है. साल 1917 में यूनिवर्सुम फिल्म्स यूफा का गठन हुआ था. 1925 से 1933 में नाजियों के सत्ता में आने तक इसका हॉलीवुड स्टूडियो से सहयोग रहा. नाजी शासन में इसका इस्तेमाल प्रोपेगंडा के लिए किया गया लेकिन युद्ध के बाद इसका निजीकरण हो गया.
अगली पीढ़ी
जर्मन राजधानी नई पीढ़ी और युवा फिल्मकारों की खास पसंद रही है. सिर्फ सरकारें उन्हें सब्सिडी ही नहीं देतीं, बल्कि सालाना बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में युवा फिल्मकारों के लिए बर्लिनाले टैलेंट का आयोजन भी होता है.